छठ पूजा के मौके पर दिल्ली में यमुना के घाटों पर जबरदस्त रौनक नजर आई । एक तरफ छठ घाटों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सांसद मनोज तिवारी के मुस्कुराते हुए पोस्टर स्वागत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ रीयल एस्टेट ग्रुप बुकिंग के ऑफर दे रहे हैं । महिलाएं घुटनों तक पानी में उतरकर सूर्य को अर्घ्य दे रही थीं । कई इलाकों में ट्रैफिक जाम भी देखने को मिला । आज से दो दशक पहले छठ पूजा पर ऐसी रौनक देखने को नहीं मिलती थी । राजनेता भी इसमें बिल्कुल रुचि नहीं लेते थे । श्रद्धालुओं को घाटों की सफाई भी खुद ही करनी पड़ती थी । लेकिन दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की बढ़ती संख्या ने संस्कृति के साथ राजनीतिक में भी बड़ा बदलाव ला दिया । इस समय दिल्ली विधानसभा में कम से कम १५ विधायक बिहार से हैं और कई पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं । दिल्ली के पूर्वांचल के लगभग ४० लाख लोग रहते हैं । साल २०१४ से दिल्ली सरकार छठ पर सार्वजनिक अवकाश भी दे रही है । दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि २०१७ में सरकार ने छठ घाटों की तैयारी में ६.३० करोड़ रुपये खर्च किए थे । जानकारी के मुताबिक २०१८ में लगभग १६.१८ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं । दिल्ली सरकार का दावा है कि इस बार १००० घाट बनाए गए हैं । यमुना के घाट नारंगी और सफेद शामियाने से सजे नजर आ रहे हैं । घाट पर फलों की टोकरी मिल रही है और लोग घाटों पर सेल्फी ले रहे हैं । सभी लोग अपने बच्चों को लेकर स्टेज की तरफ भागते हैं । वहां संगीत का कार्यक्रम होता है । स्टेज से अनाउंसमेंट होता है, पीले फ्रॉक में एक बच्ची मिली है । थोड़ी देर में उसकी मां दौड़ती हुई आती है और बच्ची को ले जाती है । कार्यक्रम के मुख्य कलाकार भोजपुरी लोक गायक दीपक त्रिपाठी और संजोली पांडे हैं । तभी कोई पूछता है, मनोज तिवारी नहीं आ रहे क्या आयोजकों में से कोई जवाब देता है कि तिवारी भी आ रहे हैं लेकिन ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे ।
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