साल २००९ में एएमटीएस के विकल्प के तौर पर अहमदाबाद शहर में शुरू की गई बीआरटीएस के जंगी नुकसान करने की तरफ आगे बढ रही है । दूसरी तरफ बस खरीदी में भी घोटाले सामने आए है । मिली जानकारी के अनुसार जेएनएनयुआरएम प्रोजेक्ट के तहत ताता मोटर्स और अशोक लेलेन्ड से ५८१ सीएनजी बस के लिए दिए गए ओर्डर में किए गए घोटाले के बाद अब ताता मोटर्स और करोना कंपनी की डीजल बस मामले में भी बडा घोटाला होने की जानकारी म्युनिसिपल के ओडिट के दौरान बाहर आई है । आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लेटर ऑफ एलोटमेन्ट मिलने के बाद छह महीने में ताता मोटर्स को प्रोटोटाइप बस तैयार कर तंत्र की मंजूरी प्राप्त करनी थी लेकिन सत्ताधिकारियों ने छह महीने की जगह एक साल का समय देने पर तीन अक्टूबर २०१३ में बस तैयार कर मंजूरी लेनी थी फिर भी कंपनी ने कलर किए बिना देढ महीने बाद प्रोटोटाइप बस तैयार कर टेन्डर की शर्तों का उल्लंघन किया है । अन्य करोना कंपनी में बैंक गारंटी की अवधि पुरी होने के बावजूद रिन्यु की जानकारी जनमार्ग द्वारा ओडिट को नहीं दी गई है । इस कंपनी से देरी से रिन्युअल के मुद्दे पर चार प्रतिशत ब्याज वसुलना था । कोरोना ने १०० हाई क्वालिटी डीजल बस का लेटर अक्टूबर २०१२ में दिया गया था । टेन्डर की शर्त अनुसार बस की किंमत के पांच प्रतिशत एडवान्स रकम के तौर पर २.९५ करोड़ दो मई २०१३ के दिन चुकाए गए थे । अब तक इस कंपनी ने एक भी बस की डिलिवरी नहीं दी है । टेन्डर की शर्त अनुसार इस कंपनी से एडवान्स रकम वापस लेने की है लेकिन यह रकम भी वापस नहीं ली गई है ।