भारत सरकार ने हॉन्गकॉन्ग अथॉरिटी से पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के समर्पण की मांग की है । यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी । पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रवक्ता ने बताया, हमें इस बात की जानकारी है कि संसद में एक लिखित जवाब दाखिल किया गया है, जिसमें नीरव मोदी के हॉन्गकॉन्ग में होने की बात है ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने हॉन्गकॉन्ग अथॉरिटी से नीरव मोदी के सरेंडर की मांग की है । भारत और हॉन्गकॉन्ग के बीच भगोड़े अपराधियों को लेकर एक अग्रीमेंट है । उन्होंने बताया, हमें अभी तक उनके जवाब का इंतजार है । इसके अलावा रवीश कुमार ने जानकारी दी कि हमें अभी तक हॉन्गकॉन्ग अथॉरिटी की तरफ से नीरव मोदी या उनकी गिरफ्तारी को लेकर कोई जानकारी नहीं है ।
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि चीन ने सोमवार को बताया कि स्थानीय कानून और आपसी न्यायिक समझौतों के आधार पर भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की गिरफ्तारी के अनुरोध को हॉन्गकॉन्ग स्वीकार कर सकता है । भारत के विदेशी राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने बीते हफ्ते ही संसद को बताया था कि विदेश मंत्रालय ने हॉन्गकॉन्ग प्रशासन से नीरव मोदी की प्रविजनल गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया है ।
भारत के अनुरोध के बारे में जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से पूछा गया तो उन्होंने कहा था, एक देश दो नीति और हॉन्गकॉन्ग स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव के अनुसार ल्यस्न्क्र अन्य देशों के साथ आपसी न्यायिक सहयोग को लेकर पूरी व्यवस्था कर सकता है । प्रविजनल अरेस्ट औपचारिक तौर पर प्रत्यार्पण के लिए अनुरोध से पहले की प्रक्रिया होती है । इसके बाद वांछित व्यक्ति पर शिकंजा कस जाता है और वह जहां भी होता है उसे वहीं हिरासत में लिया जा सकता है ।
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