फिलहाल में सीविल अस्पताल को स्वच्छता और मरीज की देखभाल के लिए अवॉर्ड प्रदान किया गया है । एक तरफ अस्पताल में यह अवॉर्ड मिलने का सेलिब्रेशन चल रहा है तब दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के मरीज को ट्रोमा सेन्टर के डॉक्टरों ने यहां उपचार नहीं होगा । मंदसौर वापस जाने के लिए बताया गया था ।
भीषण गर्मी ने मरीज को परिवार के साथ फूटपाथ पर शरण लेना पड़ा है । पिछले १ महीने में ट्रोमा सेन्टर में से मरीज को उपचार बिना भेज देने की घटना सामने आयी है । मंदसौर में मजदूरी करते ४० वर्षीय रामचंद्र भाम्भी की बहन श्यामुबाई और उनके पुत्र प्रकाशचंद्र ने बताया है कि, मंदसौर की सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मेरे भाई की दोनों कीडनी फेल होने से सीविल जाने के लिए कहा गया था । गत शनिवार को सुबह में सीविल के ट्रोमा सेन्टर में आये थे । जहां डॉक्टर केस निकालकर कीडनी अस्पताल के डॉक्टरों के पास भेजा जहां डॉक्टर ने दोनों कीडनी फेइल होने से यहां आपका उपचार नहीं होगा. इसी वजह से आप प्राइवेट अस्पताल में या तो मंदसौर जाकर उपचार कराने का बताकर केस पेपर ले लिया था । मरीज को उपचार बिना ट्रोमा सेन्टर से बताया गया कि इस मामले में हमने जांच शुरू किया है । पहले भी ऐसी घटना ध्यान में आयी थी, लेकिन मरीज नहीं मिलने पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी जिसकी वजह से इस घटना की उचित जांच करके, योग्य कार्रवाई की जायेगी सीविल अस्पताल के डॉ. एमएम. प्रभाकर सुपरिटेन्डेन्ट ने बताया है ।