दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने आज तीस हजारी कोर्ट में अपनी बात रखी । दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि, मीटिंग सीएम हाउस के ड्रॉइंग रूम में चल रही थी, कैंप ऑफिस में नहीं । पुलिस ने कोर्ट को यह जानकारी भी दी कि सीएम हाउस से जब्त किए गए सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग पीछे है और फरेंसिक लैब से उनकी जांच करवाई जाएगी । सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है । कोर्ट में सीएस के वकील राजीव मोहन ने कोर्ट से कहा, उसी रात १२.३० बजे मुख्य सचिव ने एलजी को कॉल किया । एलजी ने पुलिस कमिश्नर दिल्ली से बात की । दूसरे दिन पुलिस कमिश्नर दिल्ली से बात हुई और फिर एफआईआर दर्ज की गई । अडिश्रल डीसीपी हरिंदर सिंह ने कोर्ट से कहा, हमारे पास १०.३० बजे शिकायत पहुंची मैनें एसपी और एसएचओ सिविल लाइन को मार्क किया । कोई डिले नहीं हुआ । इससे पहले ये सब इंस्पेक्टर को पीटते थे, जेई को पीटते थे, अब राज्य के सबसे बड़े अधिकारी को पीटते है और कहते हैं कि ऐन्टी माइनॉरिटी की सरकार केंद्र में है इसलिए अमानतुल्ला को गिरफ्तार किया गया । ऐसा बिल्कुल लगत है ।
प्रकाश जारवाल ने मुख्य सचिव को धमकी दी थी कि आप अगर मुकदमा करेंगे तो हम एससी-एसटी ऐक्ट के तहत आप पर एफआईआर करेंगे । आरोपी प्रकाश जारवाल और अमानतुल्ला ने जारवाल और अमानतुल्ला ने जमानत हासिल करने के लिए रणनीति तैयार की । आज तीस हजारी अदालत की सेशन कोर्ट में सिर्फ जारवाल की जमानत के लिए आवेदन किया गया ।
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