पोरबंदर शहर में राजाशाही जमाने से भगवान शिवजी को शिवरात्री के अवसर पर २४ घंटे के लिए पोने किलो वजन के सोने के गहने चढ़ाये जायेंगे और यह भी पुलिस जवानों के बीच तब सोमनाथ और नागेश्वर के अलावा शंकर को सोने के गहन चढ़ाये जाते हो ऐसे राज्य में सिर्फ पोरबंदर के भोजेश्वर मंदिर में देखने को मिलता है । स्टेट के समय से चली आ रही परंपरा की जानकारी के अनुसार, वर्षों पहले पोरबंदर स्टेट के महाराजा विक्रमातसिंह (भोजराजसिंह) ने यह शिवालय में भगवान शंकर तथा माता पार्वती के लिए पोना किलो वजन के सोने के गहने बनाये थे और उनके द्वारा शिवरात्री के तथा सावन महीने में गहने भगवान शंकर को चढ़या जाता था । तब से यह परंपरा अभी भी शिवरात्री के दिन में कायम रही है तब इस बार भी शिवरात्री के अवसर पर मामलतदार के पास से ट्रेजरी में से गहने निकालकर २४ घंटे के लिए शिवजी को चढ़ाया जाएगा । जिसमें यह एक-एक गहने का मामलतदार द्वारा गिनकर जांच करके पूजारी को दिया जाता है और शिवरात्री के दूसरे दिन सुबह में यानी कि २४ घंटे के बाद गहने का श्रृंगार उतार लिया जाता है । इसके बाद पुलिस बंदोबस्त के बीच मामलतदार को वापस गहने सौंपे जाते हैं ।
यह आभूषणों को वापस लेकर फिर से ट्रेजरी में रखा जाता है । १९२० के वर्ष से यह क्रम चालू है । सावन महीने में यदि आभूषण हररोज चढ़ाया जाए तो सुरक्षा की जिम्मेदारी बढ़ जाती होने से अब सिर्फ १ दिन शिवरात्री पर ही गहने को महादेव पर चढ़ाया जाता है । शिवरात्री के अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए यह मंदिर में पहुंचेंगे ।