कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता रणदीप सूरजेवाला ने आज अहमदाबाद में जीएसपीसी के २० हजार करोड़ रुपये के घोटाले में पत्रकारों को बताया है कि, सीएजी रिपोर्ट और अखबारी संशोधन में जीएसपीसी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है । जिसकी वास्तविकता यह है कि, जीएसपीसी में गुजरात सरकार और बैंकों के १९५७६ करोड़ रुपये केजी बेजिन गैस ब्लोक में डूबा दिए लेकिन १३ वर्ष में गैस नहीं निकला । जीएसपीसी ६४ गैस ब्लोकस की मालिक थी । जीएसपीसी ने यह ६४ गैस ब्लोकस में ४५ गैस ब्लोकस को सरन्डर कर दिया, जिसके कारण २,९९२.७२ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ । इसमें से ११ ओवरसीज गैस ब्लोकस था, जिसकी सरकारी तिजोरी को १७५७.४६ करोड़ रुपये का नुकसान हुए । इतना ही नहीं कोई भी प्रकार के नीविदा बिना जीएसपीसी ने दो जोइन्ट वेन्चर पार्टनर बना दिया । जीएसपीसी ने यह दोनों निजी कंपनियों की तरफ से २३१९.४३ करोड़ रुपये का खर्च किया, जिसके लिए एक पैसा भी यह कंपनियों ने सरकार को वापस नहीं दिया । २३१९.४३ करोड़ रुपये का नुकसान सरकारी तिजोरी को हुआ । सूरजेवाला ने मोदी पर प्रहार करते हुए कहा है कि, जबकि गुजरात के २० हजार करोड़ रुपये जीएसपीसी में डूब रहे थे तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उर्जित पटेल को जीएसपीसी का स्वतंत्र डायरेक्टर तथा ओडिट कमिटी के चेयरमैन के तौर पर नियुक्त कर दिया था । यह सभी को मालूम है कि, उसके बाद मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद उनको आरबीआई के गवर्नर के तौर पर नियुक्त कर दिया ।इसके सिवाय जीएसपीसी के साथ जुड़े हुए सभी अधिकारियों को भारत सरकार में उच्च पद पर नियुक्त कर दिया । ४.८.१७ को आर्थिक दृष्टिकोण से २० हजार करोड़ रुपये डूबाने के बाद जीएसपीसी के ८० फीसदी शेयर को भारत सरकार की ओएनजीसी द्वारा ७.७३८ करोड़ रुपये में खरीदी गया । उल्लेखनीय बात है कि, २००५ से आज दिन तक जीएसपीसी के केजी बेजिन गैस ब्लोक में से कोई गैस नहीं मिला है तो भी ओएनजीसी ने उन्होंने क्यों खरीदा?