गुजरात सरकार का महत्वाकांक्षी अहमदाबाद का मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट आगामी दिसम्बर में आयोजित विधानसभा चुनाव के पहले कार्यान्वित होने का था । अहमदाबाद में मेट्रो रेल चलाकर विकास के दिशा में आगे बढ़ने का प्रशासन का इरादा था, हालांकि मेट्रो ट्रेन चलाने के सपने को कोच बनाती एक चीन की कंपनी का नजर लग गया हो ऐसे जानने को मिला है । इस दौरान हाईकोर्ट में कोच के मामले में सुनवाई पूरी हो जाने से सत्ताधीशों को फैसले का इंतजार है । यह फैसले के आधार पर मेट्रो रेल का प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा । अहमदाबाद के लोग पैसे चुका इस प्रकार से दर सुरक्षित, तेजी, आरामदायक और पर्यावरण को अनुकूल रेल आधारित ट्रान्सपोर्ट सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वर्ष २०१० में राज्य सरकार की मालिकी की मेट्रो लिंक एक्सप्रेस फॉर गांधीनगर एन्ड अहमदाबाद (मेगा) कंपनी लिमिटेड की स्थापना की गई थी, जिसे केन्द्र और राज्य सरकार की समान हिस्सेदारीवाली विशेष उद्देश्य वाली कंपनी में गत २० मार्च, २०१५ में रूपांतरित करायी गई थी । केन्द्र द्वारा गत १७ नवम्बर, २०१४ में अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-१ को १०,७७३ करोड़ रुपये के खर्च से साकार करने की मंजूरी दी गई है । फेज-१ के तहत वासणा एपीएमसी से मोटेरा स्टेडियम तक के उत्तर-दक्षिण कोरिडोर में कुल १८.५२२ किमी. और पूर्व थलतेज गाम से वस्त्राल गाम तक के पूर्व -पश्चिम कोरिडोर में कुल २०.७३७ किमी. लंबा रूट मिलाकर कुल ३९.२५९ किमी. लंबाई के मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को चालू करने की दिशा में काम शुरू किया गया है, इसमें भी पूर्व-पश्चिम कोरिडोर में वस्त्राल गाम से कांकरिया एपेरलपार्क तक के ६ किमी के रूट को सत्ताधीशों ने मेट्रो ट्रेन के पाइलोट प्रोजेक्ट के तौर पर जारी करके वस्त्राल गाम, निरांत क्रॉस रोड, वस्त्राल, रबारी कोलोनी, अमराईवाडी और कांकरिया एपेरलपार्क यह कुल छह स्टेशनों का पाइलोट शामिल किया गया है । तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबहन पटेल द्वारा गत १४ मार्च, २०१५ में प्रथम चरण का भूमिपूजन किया गया था ।