अहमदाबाद की सीविल अस्पताल में प्रशासन के कारण अव्यवस्था के अक्सर नये-नये उदाहरण सामने आ रहे है तब मरीजों की सुख-सुविधा के लिए नये प्रोजेक्ट लाखों रुपये के खर्च से लागू किया जाता फिर भी सत्ताधीशों की निष्क्रियता के कारण इसका विशेष लाभ नहीं मिल सकता है । इसका उदाहरण सीविल अस्पताल में बंद हुए ७० सीसीटीवी कैमरे है । सीविल अस्पताल में चोरी, मारपीट जैसी कई घटना अक्सर होती रहती है, जिसका रहस्य निराकरण में पुलिस बेबस बनी है, जिसका कारण सिर्फ सीसीटीवी कैमरे है । यह संजोगों में बंद सीसीटीवी कैमरे को चालू करने के लिए प्रशासन कब गंभीर होगा ऐसा प्रश्न जानकार लोग इसकी चर्चा कर रहे है ।२६ जुलाई, २००८ को अहमदाबाद की सीविल अस्पताल सहित अलग-अलग जगह पर चरणबद्ध बम्ब विस्फोट हुए थे, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवायी थी । इस घटना बाद अहमदाबाद सीविल अस्पताल सहित की सभी सरकारी अस्पतालों और सार्वजनिक जगह पर अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया गया था । वर्ष २०१२ बाद सीविल अस्पताल में करोड़ों रुपये के खर्च से सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है, जो आज शोभा के समान साबित हुए है । उल्लेखनीय है कि २७ अगस्त को सीविल अस्पताल में एक नवजात शिशु को छोड़कर एक व्यक्ति फरार हो गया था, जिसमें बच्चे का उपचार के दौरान मौत हुई थी । यह बच्चे के माता-पिता कौन है इसकी खोज के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सीविल अस्पताल के सीसीटीवी फूटेज चेक किया गया था, हालांकि पुलिस के लिए बेबस की बात यह थी कि अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे बंद थे । जबकि कुछ दिन पहले सीविल अस्पताल में मेडिकल का अभ्यास करते एक विद्यार्थी के लेपटोप की चोरी हुई थी, हालांकि पुलिस को यह अपराध का रहस्य निराकरण लाने में भी निराशा मिली है, जिसके कारण बंद सीसीटीवी कैमरे है । इसके सिवाय अस्पताल के पार्किंग में कई बार वाहनों की चोरी की जाती है, जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार करना मुश्किल होता है ।