अहमदाबाद सहित राज्यभर की स्कूलों में आरटीई के तहत नियमों को नजरअंदाज करके अमीर अभिभावकों ने गरीब बनकर अपने बच्चों के प्रवेश ले लिया इस बारे में जांच टीम रिपोर्ट की वजह से खुद प्रशासन भी आश्चर्य में पड गया है । जांच कमिटी ने अहमदाबाद शहर और ग्रामीण स्कूलों में लिए गए शंकास्पद १७० केस का रिपोर्ट डीईओ को सौंप दिया है । आगामी सप्ताह की ग्रामीण के करीब ७० और शहर के करीब १०० अभिभावकों ने जांच टीम के रिपोर्ट के मामले में अभिभावकों को खुलासा करने के लिए सुनने का मौका दिया जाएगा । आरटीई के तहत कई स्कूलों के कक्षा-१ में ऑनलाइन प्रवेश लेने के बाद या गलत तरीके से नियमों को नजरअंदाज करके एडमिशन लेने के बाद जांच की टीम और उसके बाद मामला पुलिस जांच या शिकायत तक पहुंचने की दहशत की वजह से कई अभिभावकों ने अपने बच्चों के एडमिशन रद्द करा दिए गए होने की जानकारी मिली है । पूरी प्रक्रिया होने पर दीपावली वेकेशन आ जाएगा ।जो दोषी ठहरेंगे तो बच्चों के एडमिशन रद्द होंगे कि नहीं अभिभावकों को बुलाकर सुनवाई की प्रक्रिया और उसके बाद रिपोर्ट उच्च विभाग को कब सौंपा जाएगा विभाग क्या मार्गदर्शन देता है उसके बाद उठाये गये कदमों के निर्णयों और समयसीमा अभी पेन्डिंग है । डीईओ ऑफिस और विभाग के बीच अभी भी आरटीई के प्रवेश के मुद्दे पर खेल खेला जा रहा है । जांच टीम के रिपोर्ट पेश होने के बाद एक महीने तक विभाग में रिपोर्ट नहीं भेजा गया था । जबकि विभाग के अधिकारियों ने ऐसा बताया है कि डीईओ को फर्जी शंकास्पद केस में कड़ी कार्यवाही के स्पष्ट निर्देश दिया गया है ।प्राथमिक जिला शिक्षाधिकारी एमपी मेहता ने बताया है कि मुझे कुछ भी मालूम नहीं है जांच करके बताया जाएगा जबकि गांधीनगर विभाग के प्राथमिक शिक्षा नियामक एमआई जोषी ने कहा है कि, डीईओ ऑफिस अब जांच टीम उनको सौंपे गये केस की सुनवाई शुरू करेगी । अभिभावकों को गुरुवार से फोन और मैसेज द्वारा सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा ।
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