ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि शांति और विकास के लिए ब्रिक्स देशों में आपसी सहयोग जरुरी हैं । दरअसल, पीएम ने सीधे तौर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और चीन का उसे शह देने के बारे में सीधे जिक्र तो नहीं किया, लेकिन एक्सपर्ट पीएम की इस टिप्पणी को उसी से जोड़कर देख रहे हैं । चीन के शियामन में शहर में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी ने अपनी स्पीच में सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एकजुट होकर ही शांति और विकास का लक्ष्य पाया जा सकता हैं । उम्मीद की जा रही हैं कि ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम नरेन्द्र मोदी आतंकवाद का मुद्दा उठा सकते हैं । चीन ने भारत से कहा था कि वह ब्रिक्स में आतंकवाद का मुद्दा न उठाए । विकास के लिए ब्रिक्स देशों के बीच मजबूत साझेदारी और इनोवेशन की आवश्यकता हैं । ताँशित और विकास के लिए आपसी सहयोग जरुरी हैं । हम गरीबी को हटाने के लिए मिशन मोाॆड में काम कर रहे हैं । ताकि स्वास्थ्य, साफ-सफाई, तकनीकी कौशल, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, उर्जा और एजुकेशन के क्षेत्र में बेहतरी हो सके । ब्रिक्स के विकास के लिए बने बैंक एनडीबी ने देशों के दीर्घकालिक विकास के लिए लोन आवंटित करना शुरु कर दिया हैं । हमारे केन्द्रीय बैकों को अपनी क्षमताएं और बढ़ानी चाहिए और ब्रिक्स के कंटीजेट रिजर्व अरेंजमेंट और आईएमएफ के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए । हमने काले धन के खिलाफ जंग छेड़ी हैं । स्वच्छता अभियान शुरु किया हैं । भारत गरीबी से लड़ रहा हैं । अगला दशक बेहद अहम होने जा रहा हैं । ब्रिक्स देशों पर बदलाव का जिम्मा हैं । भारत एक युवा देश है और यह हमारी ताकात हैं । भारत के ८० करोड़ युवा ही हमारी ताकत हैं । स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता के लिए अगला दशक अहम हैं ।