अहमदाबाद शहर के मध्यजोन में स्थित भद्र प्लाजा क्षेत्र को ३८ करोड़ रुपये के खर्च से विकसित करने के बाद २२०० फेरिया द्वारा फिर से अतिक्रमण किए जाने पर म्युनिसिपल प्रशासन द्वारा उनको हटाया गया है इसके साथ ही म्युनिसिपल कमिशनर द्वारा भद्र प्लाजा क्षेत्र में स्थायी स्तर पर म्युनिसिपल सेवा बरकरार रहे इसके लिए प्रशासन के दस अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है । इसके अलावा प्लाजा क्षेत्र में स्थित म्युजियम का भी स्थायी स्तर पर विकास करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है । इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार, शहर के मध्यजोन में स्थित भद्र प्लाजा का केन्द्र सरकार के जेएनएनयुआरएम की ३८ करोड़ रुपये की ग्रान्ट की मदद से वर्ष-२०१३ में विकास किया गया था । इसके बाद परिसर में सिर्फ ८४४ फेरिया को बैठने की मंजूरी दी गई फिर भी भद्र परिसर में २२०० फेरिया और फूटपाथवालों ने अतिक्रमण कर देने से फिलहाल के प्रधानमंत्री और उस समय के राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पेन्डिंग में चला गया है । दूसरी तरफ यूनेस्को द्वारा अहमदाबाद शहर को गत ८ जुलाई को वैश्विक हेरिटेज सिटी को शर्त के तहत दर्जा देने के बाद तथा यूनेस्को के डिरेक्टर ईरीना बोकावो की मुलाकात को ध्यान में रखकर परिसर में बैठे फेरिया -फूटपाथवाले को म्युनिसिपल प्रशासन द्वारा हटाया गया है । म्युनिसिपल कमिशनर मुकेश कुमार ने भद्र परिसर में म्युनिसिपल सेवा स्थायी तौर पर बरकरार रहे इसके लिए प्रशासन के दस उच्च अधिकारियों को विशेष डयुटी सौंपी गई है । इसके साथ ही परिसर में स्थित म्युजियम को स्थायी स्तर पर विकसित करने के लिए जिम्मेदारी भी प्रशासन के उच्च अधिकारियों को सौंपी गई है ।