डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच भले ही गतिरोध खत्म हो गया है और दोनों देशों ने अपनी सेनाएं हटा ली हो लेकिन चीन अभी भी अपने तल्ख तेवर दिखाने से बाज नहीं आ रहा हैं । चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच ७३ दिन से चला आ रहा गतिरोध भारत के सैनिक हटाए जाने के बाद खत्म हुआ, अब नई दिल्ली को इससे सबक सीखना चाहिए । और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकना चाहिए । भारत और चीन ने डोकलाम क्षेत्र से अपने अपने सैनिक हटाकर गतिरोध पर विराम लगा दिया था । यह घटनाक्रम अगले हफ्ते ब्रिक्स (ब्राजील, रुस , भारत, चीन और दक्षिण आफ्रिका) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चीन की यात्रा पर जाने से पहले हुआ । वांग ने कहा कि भारतीय सैनिकों की अवैध घुसपैठ का मामला सुलझा लिया गया हैं । वांग से जब पूछा गया कि भारत ने पेइंचिंग को चेहरा छिपाने का मौका दिया हैं तो वांग ने कहा कि मीडिया अपने कयास लगा सकता हैं और रिपोर्ट लिख सकता है लेकिन चीन सरकार के पास मौजूद आधिकारिक सूचना के मुताबिक भारतीय सैनिक २८ अगस्त को दोपहर बाद क्षेत्र से हट गए जिससे गतिरोध खत्म हो गया हैं । यह मूल तथ्य हैं , हम उम्मीद करते हैं कि भारत इस घटना से सबक सीखेगा और इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोकेगा । दूसरी तरफ नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने चीनी विदेश मंत्री की टिप्पणियों पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की हैं । मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से भी डोकलाम में सड़क न बनाने को लेकर किसी तरह की प्रतिबद्धता नहीं दिखाई गई । मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियंग ने कहा सीमाओं की रक्षा की जरुरतों को पूरा करने और हालात में सुधार करने के क्रम में चीन सड़क निर्माण सहित बुनियादी ढांचे के विकास में लंबे समय से लगा रहा हैं ।