भारत सरकार द्वारा वर्ष-२०१४ में स्वच्छ भारत अभियान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरूआत कराने के बाद राज्य सरकार द्वारा वर्ष-२०१९ तक में अहमदाबाद सहित के सभी कॉर्पोरेशन क्षेत्रों को जीरो वेस्ट सिटी प्लान के तहत शामिल करके कामकाज शुरू कराने के आदेश वर्ष २०१५ में दिया गया था । इसके अलावा राज्य सरकार के सात मंत्रियों की एक विशेष कमिटी बनायी गई थी । यह कमिटी सफाई और स्वच्छता से संबंधित कामकाज का हर तीन महीने में समीक्षा बैठक के दौरान करने की थी । लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबहन पटेल के इस्तीफा के बाद सरकार बदलने के साथ ही यह योजना पेन्डिंग में चली गई थी । इसके अलावा कुछ ही दिनों में राज्य विधानसभा का सामान्य चुनाव आयोजित हो रही है तब आश्चर्यजनक बात तो यह सामने आयी है कि, अहमदाबाद जैसे शहर में तो इस बारे में कोई कमिटी भी अभी तक नहीं बनायी गई होने का आधिकारिक सूत्रों की तरफ से जानकारी मिली है । इस बारे में यह जानकारी है कि, पूर्व मुख्यमंत्री के शासनकाल के समय में राज्य के बड़े शहरों को जीरो वेस्ट प्लान के तहत शामिल करके सिटीसेनिटेशन प्लान लागू किया गया था । मार्च-२०१५ के अंत तक में सभी शहर की घरों में जो लोग शौचालय की सुविधा से वंचित है उनको व्यक्तिगत या सामूहिक शौचालय उपलब्ध कराने की व्यवस्था पूरी करने की थी । सभी शहरों में सफाई और ड्रेनेज के कामकाज के साथ जुड़े हुए सफाई कर्मचारियों का वर्ष में दो बार निःशुल्क मेडिकल चेकअप करना था । राज्य की सभी नगरपालिका में इको फ्रेन्डली स्मशानगृहो को बनाना था । इसके अलावा शहरों के बीच सफाई के मामले में स्पर्धा आयोजित करके रेटिंग देने के साथ पुरस्कार देने का भी निश्चित किया गया था । शहरों को वित्तीय सहायता के अलावा तालीम और साधनों की सहायता देने के बारे में भी घोषणा की गई थी । महत्व की बात यह थी कि, राज्य सरकार के सात मंत्रियों की एक विशेष कमिटी बनायी गई थी । जो सरकार बदलने के साथ ही यह योजना पेन्डिंग में चली गई थी । अहमदाबाद में मेयर के अध्यक्ष स्थान पर जो कमिटी बननी चाहिए यह अभी तक नहीं बनी है ।