स्कूल के बच्चों, कॉलेजियनों, सरकारी या निजी कंपनी में काम करते कर्मचारियों, किसानों आदि सभी वर्ग के लोगों के हररोज के व्यवहार के लिए ‘आधारकार्ड’ अनिवार्य हो गया है । आधारकार्ड जरूरी होने पर लोगों को निःशुल्क में आधारकार्ड मिल रहा होने पर भी निजी एजेन्सियों को ५०० रुपये तक चुकाना पडता है । निजी एजेन्सियों द्वारा लोगों की आवश्यकताओं को व्यापक तरीके से गैरकानूनी उठाया जाता होने से अब १ सितम्बर से सभी निजी एजेन्सी बंद हो जायेंगे ।केन्द्र सरकार के फिलहाल के एक परिपत्र के अनुसार आगामी ३१ अगस्त तक में आधारकार्ड का रजिस्ट्रेशन कराती सभी निजी एजेन्सी बंद कर देने की है ।उसके बाद सिर्फ सरकारी एजेन्सियों को ही आधारकार्ड का कामकाज संभालेंगे । अहमदाबाद में आधारकार्ड निकालने का काम करती अधिकतर निजी एजेन्सियों को आधारकार्ड के लिए १०० रुपये से लेकर ५०० रुपये वसूल करते है । जिन नागरिकों को आधारकार्ड तुरंत जरूरी हो ऐसे नागरिकों के पास से उसकी आवश्यकता के हिसाब से ५०० रुपये वसूल करती निजी एजेन्सियों को रजिस्ट्रेशन के ९६ घंटे तक में संबंधित जानकारी में सुधार निःशुल्क में करके देना होता है । इसके बाद सुधार के तहत २५ रुपया लिया जा सकता है फिर भी कुछ निजी एजेन्सियों को सुधारने के लिए ५० रुपये से १०० रुपये चुकाना पडता है । इस प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत सिर्फ अहमदाबाद में ही नहीं, लेकिन देशभर में केन्द्र सरकार निजी एजेन्सियों की खूलेआम लूट के सामने नाराज है, जिसके कारण आगामी ३१ अगस्त तक में सभी निजी एजेन्सी को बंद करने का आदेश संबंधित सत्ताधीशों को दिया गया है । म्युनिसिपल आयोजन विभाग के प्रमुख पथिक शाह कहते है । अहमदाबाद में ८० से ज्यादा निजी एजेन्सी आधारकार्ड बनाकर देती है । यह सभी निजी एजेन्सियों को अपना कामकाज ३१ अगस्त के पहले बंद कर देने की आधिकारिक रूप से सूचना दी गई है ।