वेंकैया नायडू ने आज उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली । वह देश के १३वें उपराष्ट्रपति बने । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई । इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा सरकार के कई बड़े मंत्री भी मौजूद थे । खेतिहर परिवार की पुष्ठभूमि से आने वाले एम वेंकैया नायडू ने देश का उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने तक लंबा सफर तय किया हैं । आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिला स्थित एक कृषि परिवार में जन्मे नायडू भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं । उन्होने कई मंत्रालयों का पदभार भी संभाला हैं और लंबे समय तक राज्यसभा सदस्य रहे हैं । उनका उल्लेखनीय करियर चार दशक से अधिक लंबा रहा हैं । नायडू सबसे पहले अपने आवास ३० एपीजे अब्दुल कलाम रोड़ से राजघाट पहुंचे और वहां श्रद्धांजलि अर्पित की । इसके बाद वह डीडीयू पार्क गए और वहां दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धाजंलि दी । वह पटेल चौक पहुंचकर सरकार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू पर भी श्रद्धाजंलि अर्पित की अब वह करीब सुबह ९.४३ बजे राष्ट्रपति भवन पहुंचेगे और पद की शपथ लेंगे । इसके बाद करीब सुबह १०.३४ बजे राज्यसभा पहुंचेगे । नायडू का राजनीतिक करियर उस वक्त शुरु हुआ, जब भाजपा के पूर्ववर्ती संगठन जन संघ की दक्षिण भारत में बहुत कम मौजूदगी थी और उस वक्त पार्टी के एक युवा कार्यकर्ता होने के नाते वह अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गजों के पोस्टर चिपकाया करते थे । आपातकाल के दौरान नायडू एबीवीपी के कार्यकर्ता थे । वह गिरफ्तार हुए थे । और जेल गए थे । नायडू जुलाई २००२ से अक्टूबर २००४ तक दो बार लगातार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे । साल २००४ के आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने यह पद छोड़ दिया था । वाजपेयी के नेतृत्व वाली पिछली राजग सरकार में वह ग्रामीण विकास मंत्री थे ।