अमित शाह ने गुजरात के विकास और नर्मदा योजना का सीधा संबंध है यह बताते हुए कहा कि, समुद्र में बह जाता पानी के उपयोग के बारे में गुजरात के और देश के वल्लभभाई पटेल ने विचार किया था कि यह सपना आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साकार किया है । उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, कांग्रेस का रवैया नर्मदा के लिए हमेशा विरोधी रहा है, जब-जब कांग्रेस गुजरात और केन्द्र में सत्ता पर आयी है तब नर्मदा योजना का काम स्थगित हो गया है । योजना के विशेष मुहूर्त बाद वर्ष १९७९ में मोरारजीभाई देसाई की सरकार और वर्ष २००१ में गुजरात में नरेन्द्र मोदी की सरकार आयी इसके बाद नर्मदा योजना के काम में तेजी आयी है । ऊंचाई बढ़ाना और दरवाजा लगाने तक का पूरा काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है ।
विधायक हर्ष संधवी के सरदार सरोवर नर्मदा योजना संदर्भ के अंतिम दिन के प्रस्ताव में हिस्सा लेते हुए शाह ने बताया है कि, नरेन्द्र मोदी ने २६ मई को प्रधानमंत्री के शपथ लेने के बाद तुरंत ही १२ जून को दरवाजा लगाने की मंजूरी दे दी है यह बताता है कि, नर्मदा योजना का हित किसके मन में रहा है । शाह ने पीने का पानी, खेती, कृषि सहित कई मामलों में नर्मदा योजना देश में सबसे महत्व की योजना होने पर भी कांग्रेस की राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में वर्षों से स्थगित थी । जिसका निराकरण भाजपा ने अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति से दिया है । नर्मदा योजना गुजरात की सबसे महत्वपूर्ण के साथ-साथ औद्योगिक विकास, पानी की समस्या, घासचारा का तथा सूखा जैसे कई मामले यह योजना के जल्दी कार्यान्वयन से निराकरण लाया गया है इसमें कोई शंका नहीं है । शाह ने नर्मदा योजना को स्थगित करने के लिए स्थानीय गुजरात के नेताओं से लेकर केन्द्र में कांग्रेस के नेताओं ने अभी तक जो भूमिका निभायी है इसकी जानकारी देकर बताया कि, नर्मदा योजना को रोकने की अब किसी की ताकत नहीं है । शाह ने पिछले २० वर्ष के अपने कार्यकाल को याद करके गुजरात के विकास में सहभागी हुए इसके लिए आनंद व्यक्त किया था ।
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