जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी हैं । शरद यादव में बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले को दुर्भाग्यपुर्ण बताते हुए कहा कि वो इससे सहमत नहीं थे । उन्होंने कहा कि बिहार में जनादेश इसके लिए नहीं था । महागठबंधन के टूटने के बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा था कि शरद यादव नीतीश के फैसले से खुश नहीं हैं । लेकिन उन्होंने अब तक कुछ भी खुलकर नहीं बोला था । जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए खेमे में लौटने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद शुक्रवार को जिस दिन नीतीश ने बिहार विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया उसी दिन कांग्रेस के नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी शरद के घर जाकर उनसे लंबी बात की थी । राजद चीफ लालू प्रसाद ने रविवार को शरद यादव के भाजपा के साथ नहीं जाने का आज दावा करते हुए उनसे अपील की कि सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने के लिए वे पूरे देश का भ्रमण करें तथा इसमें वे अपनी पूरी शक्ति लगा दें । लालू ने कहा कि आज देश में जिस प्रकार का सांप्रदायिक माहौल उत्पन्न किया गया हैं । वैसी स्थिति में शरद जी जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं की सख्त जरुरत हैं । उल्लेखनीय हैं कि राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने इससे पूर्व शरद यादव को यूपीए में भी शामिल होने का भी न्यौता दिया था, पर शरद द्वारा इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गयी हैं ।
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