रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में जवाब देते हुए कहा कि भारतीय सेना देश की सीमा की सुरक्षा करने में सक्षम हैं । विपक्ष की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए भारतीय सेनाएं उचित और पर्याप्त रुप से सुसज्जित हैं । गौरतलब है कि हाल ही में कैंग की रिपोर्ट में ये सामने आया था कि अगर अभी युद्ध की स्थिति आती है तो भारतीय सेना के पास सिर्फ १० दिनों तक के ही हथियार हैं । आनंद शर्मा ने जेटली के इस जवाब पर कहा कि क्या सरकार ने पिछले ३ साल में कुछ भी नहीं किया हैं । अभी भी देश के पास को पूर्ण रुप से रक्षा मंत्री नहीं हैं । मनोहर पर्रिकर अपने कार्यकाल में पूरी तरह से फेल रहे । राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि अगर विपक्ष इस मुद्दे पर बहस करना चाहता हैं तो वह नोटिस दे सकता हैं । सपा नेता राम गोपाल यादव ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निसाना साधा । उन्होंने कहा कि देश की जनता चिंता में हैं । आखिर ऐसा क्यों है । सरकार को देश की रक्षा के लिए हर तरह के कदम उठाने चाहिए । संसद के समक्ष बीते शुक्रवार को रखी गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया कुल १५२ तरह के गोला बारुद में से महज २० प्रतिशत यानी ३१ का ही स्टोक संतोषजनक पाया गया, जबकि ६१ प्रकार के गोला बारुद का स्टोक चिंताजनक रुप में कम पाया गया था । कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर २०१६ में कुल १५२ तरह के गोलाबारुद में केवल ३१ ही ४० दिनों के लिए, जबकि १२ प्रकार के गोलाबारुद ३० से ४० दिनों के लिए, वहीं २६ प्रकार के गोलाबारुद २० दिनों से थोड़ा ज्यादा वक्त के२ पर्याप्त पाए गए । इस रिपोर्ट में साथ ही कहा गया हैं कि इस बीच विस्फोटक और विध्वंस उपकरणों जैसे कुछ महत्वपूर्ण हथियारो का रिजर्व सुधरा है, लेकिन बेहतर फौजी ताकत को बनाए रखे के लिए जरुरी बख्तरबंद लड़ाकू वाहनो और तोपों के लिए चिंताजनक रुप से कम पाए गए ।