स्वाइनफ्लू बीमारी जो साल २००९ में सर्वव्यापी महामारी बन गई थी उसने २०१७ में एक बार फिर वापसी की हैं । इस साल अब तक इस बिमारी से देश में ६०० लोगों की मौत हो चुकी हैं । जबकि करीब १२ हजार ५०० से ज्यादा स्वाइन फ्लू के केस सामने आ चुके हैं । सरकारी आंकड़ों के मुताबिक स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र पहले नंबर पर हैं जहां अब तक स्वाइन फ्लू की वजह से २८४ मरीजों की मौत हो चुकी हैं । दूसरे नंबर पर गुजरात हैं जहां ७५ मौते हो चुकी हैं, ६३ लोगों के साथ तीसरे नंबर पर केरल और चौथे नंबर पर राजस्थान है जहां स्वाइन फ्लू की वजह से ५९ लोगों की मौत हो चुकी हैं । दिल्ली की बात की जाए तो ९ जुलाई तक के सरकारी आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में अभ तक २४१ लोग स्वाइन फ्लू के लिए प्रोजिटिव पाए गए जिसमें से ४ लोगों की मौत हो चुकी हैं । स्वास्थ्य सुविधाओं के डायरेक्टर ने कहा कि लोग देर से अस्पताल पहुंचते हैं और यही वजह है कि ज्यादा लोगों की मौत हो रही हैं । अगर बिमारी के लक्षण दिखते ही मरीज को तुरंत स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली टैमीफ्लू दे दी जाए तो बड़ी तादाद में मरीजों की जान बचायी जा सकती हैं । कुछ केस में मरीजों को उल्टी और दस्त भी शुरु हो जाता हैं तो वहीं गंभीर केस में कई बार न्यूमोनिया और ओर्गन फेल भी हो जाता हैं । डोक्टर्स कहते हैं कि साफ सफाई रखना सबसे जरुरी हैं । कीटाणु से बचने के लिए लोगों को हर थोड़ी थोड़ी देर में अच्छी तरह से हाथ धोना चाहिए । एक्सपट्र्स कहते हैं कि स्वाइन फ्लू, सांस से संबंधित संक्रामण रोग है जो टाइप ए वाइरस की वजह से होता हैं । यह वायरस शरीर में प्रदूषित हवा को सांस के जरिए अंदर लेने से या फिर किसी प्रदूषित सतह को छूने के बाद आंख नाक या मंुह को छुने के बाद हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता हैं ।