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किसान बिल पर बोले नड्डा – कांग्रेस पहले समर्थन में थी, अब राजनीति कर रही

किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए संसद के समक्ष तीन बिल (विधेयक) लाए गए हैं। इन विधेयकों पर जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नड्डा ने बताया कि सरकार किसानों के हित में तीन विधेयक लेकर आई है। इन विधेयकों को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले इन विधेयकों का कांग्रेस द्वारा समर्थन किया जा रहा था, लेकिन अब इस पर राजनीति की जा रही है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए संसद में तीन विधेयक लाए गए हैं। इसमें आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते पर मूल्य निर्धारण अध्यादेश शामिल है। नड्डा ने कहा कि तीन कृषि अध्यादेशों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। ये तीनों अध्यादेश बहुत दूर-दृष्टि वाले हैं। इसलिए हम इन्हें बिल के रूप संसद में ला रहे हैं और पास कराने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले इन विधेयकों का समर्थन किया जा रहा था, लेकिन अब इस पर राजनीति की जा रही है। कांग्रेस पार्टी का केवल एक काम है और वह है झूठ बोलना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इनका विरोध कर किसानों के विकास को प्रभावित कर रही है। आज कांग्रेस पार्टी इन बिलों का विरोध कर रही है। ये कांग्रेस पार्टी का दोहरा चेहरा है, इनका काम हर चीज में राजनीति करना है। कांग्रेस को सिवाय राजनीति के और कुछ नहीं आता है। नड्डा ने इन विधेयकों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आवश्यक वस्तु विधेयक 1955 का है। उस दौरान उपज काफी कम हुआ करती थी, जो अब बहुत बढ़ गई है। इसलिए अब इस बिल में संशोधन करते हुए अपवाद की स्थिति को ध्यान में रखा गया है। अब इसमें निजी क्षेत्र भी निवेश कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि किसानों के व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश के जरिए किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए सुविधा प्रदान की गई है। इसके पास होने के बाद किसान मंडी के बाहर भी अनाज बेच सकेंगे। इस बिल के जरिए ये जानकारी भी दी जाएगी कि किस जगह कितना दाम चल रहा है और आगे चलकर क्या दाम रहने वाला है। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर आधारित है। यह विधेयक इसलिए जरूरी है क्योंकि देश में सब लोग खेती नहीं करते हैं, इसलिए इसके माध्यम से एक समझौता किया जाएगा। अगर कॉन्ट्रैक्ट खेती करने वाला जमीन पर कोई निवेश भी करता है तो ऐसी स्थिति में भी जमीन का मालिकाना हक किसान के पास ही रहेगा।

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