राजस्थान में पिछले 5 दिन से चल रहे सियासी घमासान के बीच आज सचिन पायलट ने अपनी बात रखी है। एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में पायलट ने कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह आत्मसम्मान की लड़ाई है। विधायक खरीद-फरोख्त मामले में राज्य पुलिस ने मुझे जो नोटिस भेजा, उसमें राजद्रोह का आरोप भी है, इससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।
पायलट ने कहा कांग्रेस पार्टी राजद्रोह कानून की विरोधी रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में हमने ड्रेकियन राजद्रोह कानून का खंडन करने की बात कही थी। अब हमारी ही पार्टी में अपने ही मंत्रियों के खिलाफ इसे उपयोग किया जा रहा है। मैंने यह कदम अन्याय के खिलाफ उठाया है।
भाजपा जॉइंन नहीं कर रहा हूं
सचिन पायलट से जब बीजेपी जॉइंन करने के बारे में बात की गयी तो उन्होंने साफ कहा कि वे बीजेपी जॉइन नहीं कर रहे हैं। वे पिछले 6 महीनों से किसी भी बीजेपी के नेता से भी नहीं मिले हैं।
अधिकारियों को मेरे निर्देशों की पालना नहीं करने के लिए कहा गया
पायलट ने कहा मैं किसी तरह का पद या पावर नहीं चाहता हूं, न ही मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज हूं। मैं बस इतना चाहता था कि जनता से किए गए वादे पूरे किए जाएं। जिन पर बिलकुल भी काम नहीं हुआ। मुझे राजस्थान में विकास का काम करने की इजाजत नहीं थी। अधिकारियों को कहा गया था कि वे मेरे निर्देशों का पालन नहीं करें। फाइलें मेरे पास नहीं भेजी गईं। कैबिनेट की बैठकें महीनों तक नहीं होती थीं। इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को भी अवगत करवाया गया। अब ऐसे पद का क्या मतलब जहां मैं जनता के लिए कोई काम नहीं करवा सकता।