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CAA पर यूरोपीय संसद में भारत की जीत

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर भारत को उस वक्त कूटनीतिक सफलता हासिल हुई जब यह निर्णय लिया गया कि सीएए पर यूरोपीय संसद के प्रस्ताव पर गुरुवार को मतदान नहीं होगा। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। यूरोपीय संसद के छह राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भारत के सीएए के खिलाफ एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया और इसे भेदभाव करने वाला करार दिया। पहले जो वोटिंग गुरुवार को होने वाली थी वो अब 31 मार्च को होगी। दरअसल, बिजनेस एजेंडा के क्रम में दो वोट थे। पहला प्रस्ताव को वापस लेने को लेकर था। इसके पक्ष में 356 वोट पड़े और विरोध में 111 वोट डाले गए। वहीं दूसरा प्रस्ताव वोटिंग बढ़ाने को करने पर था। इसके पक्ष में 271 और विरोध में 199 वोट पड़े।
यूरोपीय संसद के एक बयान में कहा गया है कि ब्रसेल्स में बुधवार के सत्र में MEPs के एक निर्णय के बाद, नागरिकता संशोधन कानून के प्रस्ताव पर वोट मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मतदान के टालने के जवाब में, सरकारी सूत्रों ने कहा कि ‘भारत के दोस्त’ यूरोपीय संसद में ‘पाकिस्तान के दोस्त’ पर हावी रहे। उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संसद भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उसके कुछ सदस्यों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर बहस और मतदान हुआ। संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था जिस पर बुधवार को बहस हुई।

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