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मन की बात : पीएम मोदी ने दी एनसीसी दिवस की शुभकामनाए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 59वीं बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश भक्ति और सेवा के रंग में रंगे युवाओं में जोश भरते हुए नौजवान पीढ़ी को एनसीसी दिवस की शुभकामनाओं से अपनी मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद लोगों द्वारा दिखाई गई परिपक्वता और धैर्य की रविवार को सराहना की। उन्होंने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि 130 करोड़ भारतीयों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि राष्ट्रीय हित से बड़ा कुछ भी नहीं होता है। पीएम ने कहा कि अयोध्या मामले पर 9 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, तो 130 करोड़ भारतीयों ने फिर ये साबित कर दिया कि उनके लिए देशहित से बढ़कर कुछ नहीं है। देश में, शांति, एकता और सदभावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद अब देश नई उम्मीदों, आकांशाओं के साथ नए रास्ते पर, नये इरादे लेकर चल पड़ा है। न्यू इंडिया इसी भावना को अपनाकर शांति,एकता और सदभावना के साथ आगे बढ़े- यही मेरी कामना है, हम सबकी कामना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी भारत भूमि पर सैकड़ों भाषाएं सदियों से पुष्पित पल्लवित होती रही हैं। हालांकि, हमें इस बात की भी चिंता होती है कि कहीं भाषाएं, बोलियां ख़त्म तो नहीं हो जाएगी। पिछले दिनों मुझे उत्तराखंड के धारचुला की कहानी पढ़ने को मिली। मुझे काफी संतोष मिला। पीएम ने कहा कि ख़ास बात ये भी है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2019 यानी इस वर्ष को इंटरनेशनल ईयर ऑफ इंडीजिनियस लैंग्वेजेज’ घोषित किया है। यानी उन भाषाओँ को संरक्षित करने पर जोर दिया जा रहा है जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। 19वीं शताब्दी के आखरी काल में महाकवि सुब्रमण्यम भारती जी ने कहा था, वो हम लोगों के लिए बहुत ही प्रेरक है। ‘भारत माता के 30 करोड़ चेहरे हैं, लेकिन शरीर एक है। यह 18 भाषाएं बोलती हैं, लेकिन सोच एक है।
पीएम ने संविधान दिवस का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का संविधान ऐसा है जो प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करता है और यह हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता की वजह से ही सुनिश्चित हो सका है। उन्होंने कहा कि नवम्बर महीने का चौथा रविवार हर साल एनसीसी डे के रूप में मनाया जाता है। मैं भी कैडेट रहा हूं और मन से भी, आज भी अपने आपको कैडेट मानता हूं। दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्म्ड यूथ ऑर्गनाइजेशन में भारत की NCC भी एक है। इसमें सेना, नौ-सेना, वायुसेना तीनों शामिल हैं।

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