अयोध्या जमीन विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई । सुनवाई के ३३वें दिन मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रख रहा था । सुप्रीम कोर्ट ने आज फिर धीमी सुनवाई को लेकर नाराजगी जताई । दरअसल, मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने अन्य वकील शेखर नाफड़े का भी वक्त ले लिया था । शुक्रवार की सुनवाई में फिर से एएसआई की रिपोर्ट का भी जिक्र हुआ । सुनवाई की शुरुआत में मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी ने एएसआई की रिपोर्ट का फिर जिक्र किया । उन्होंने रिपोर्ट को महज विचार बताया जिसके आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता । अपनी दलील में मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि न्स्ढ्ढ की रिपोर्ट ऑपिनियन और अनुमान पर आधारित है । पुरातत्व विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान की तरह विज्ञान नहीं है । प्रत्येक पुरातत्व विज्ञानी अपने अनुमान और ऑपिनियन के आधार पर नतीजा निकलता है ।
इसके बाद शेखर नाफड़े की दलीलें थीं । चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि कितना वक्त लगेगा? नाफड़े ने कहा कि पूरी जिरह में वह दो घंटे लगें । इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि पहले से तय शेड्यूल में बदलाव नही होगा । फिर नाफड़े ने कहा कि वह ४५ मिनट में अपनी जिरह पूरी कर लेंगे । सुनवाई पर नाराजगी जताते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि सुनवाई तय शेड्यूल के हिसाब से नहीं चल रही है । दरअसल आज शेखर नाफड़े को अपनी दलील पूरी कर लेनी थी । लेकिन मीनाक्षी अरोड़ा ने आज उनके हिस्से का भी समय ले लिया । अरोड़ा की दलील कल पूरी होनी थी । इससे पहले सुनवाई के ३२वें दिन भी न्स्ढ्ढ रिपोर्ट का जिक्र आया था । इसपर मुस्लिम पक्ष ने पहले सवाल खड़े किए और फिर उसके लिए माफी भी मांग ली । बुधवार को मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि एएसआई के हर चैप्टर पर लेखक का जिक्र है, लेकिन उसके सारांश में किसी लेखक का जिक्र नहीं है । इसके बाद गुरुवार को मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने को लेकर माफी मांगी । धवन ने कहा कि वह एएसआई रिपोर्ट की प्रमाणिकता पर कोई सवाल नहीं करना चाहते । गुरुवार की सुनवाई के दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने फिर सुनवाई की आखिरी तारीख (१८ अक्टूबर) याद दिलाई । सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि दोनों पक्षकार अपनी दलील की समय सीमा तय करें ताकि सुनवाई १८ अक्टूबर तक पूरी की जा सके ।
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