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पश्चिम क्षेत्र में भी रथयात्रा को लेकर लोग जगन्नाथमय बने

एक तरफ शहर में गुरुवार को भगवान जगन्नाथ की १४२वीं परंपरागत और ऐतिहासिक रथयात्रा निकली थी तब दूसरी तरफ, शहर के पश्चिम क्षेत्र में अलग-अलग रथयात्रा आकर्षण का केन्द्र बन रही थी । विशेष करके इस्कोन मंदिर, मेमनगर स्वामीनारायण गुरूकुल से निकली रथयात्रा और अनंत (त्रिपदा) ट्रस्ट परिवार द्वारा निकली रथयात्रा देखने के लिए पश्चिम के क्षेत्रों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे । हजारों लोगों ने भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम का दर्शन करके अपने आपको धन्य महसूस किया और जैसे जगन्नाथमय बन गया था । पश्चिम क्षेत्रों में भी निकाली गई रथयात्रा में मूंग, ककड़ी का प्रसाद लेने के लिए भक्तों में हौड़ मच गई थी । गुरुवार की रथयात्रा को लेकर पश्चिम के लोगों में भी भारी उत्साह देखने को मिल रहा है । शहर के पश्चिम क्षेत्र में मेमनगर स्वामीनारायण गुरूकुल से रथयात्रा निकली थी । इसके पहले १२ बजे रथ की पूजा की गई । यह रथयात्रा मेमनगर गुरूकुल से प्रारंभ होकर सुभाष चौक, युगान्डा सोसाइटी, नीकिता पार्क सोसाइटी, सत्ताधार चार रास्ता, कलासागर मॉल, कर्मचारीनगर चार रास्ता, भूयंगदेव चार रास्ता, विश्रामनगर, तरूणनगर, सुभाषचौक, मेमनगर गाम, मानवमंदिर होकर स्वामीनारायण गुरूकुल वापस पहुंची थी, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल हुए थे ।
इसी प्रकार से इस्कोन मंदिर द्वारा भी शनिवार को शाम को ४ बजे रथयात्रा निकाली गई थी । करीब ३५ फीट ऊंचे रथ में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम को बिठाया गया था । भगवान के सुंदर श्रृंगार और भजनमंडली सहित के आकर्षणों के साथ यह रथयात्रा श्यामल चार रास्ता, आनंदनगर रोड होकर, प्रेरणातीर्थ देरासर, रामदेवनगर होकर रात को ८ बजे इस्कोन मंदिर वापस पहुंची थी यह वर्ष में त्रिपदा एज्युकेशन ट्रस्ट के सहयोग और सोला, भागवत विद्यापीठ द्वारा अनंत (त्रिपदा) चेरिटेबल ट्रस्ट परिवार के नेतृत्व के तहत पहलीबार २० फीट ऊंची और आकर्षक लकड़ी की रथ में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की रथयात्रा निकाली गई थी ।

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