भगवान जगन्नाथजी की रथयात्रा आज शांतिपूर्ण माहोल में देर शांम संपन्न हो गई किन्तु मंदिर में भगवान की मूर्तियों की फिरसे स्थापना कल शुक्रवार के दिन की जाएगी । पौराणिक मान्यता के अनुसार यह विधि की जाएगी । आज शांम रथयात्रा मंदिर में पहुंचने के बाद फिर से पूजा की गई । भगवान की रथ में ही शयन आर्ति की गई । इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग जमा हुए । भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्राजी और भाई बलराम नगर की परिक्रमा करके जमालपुर स्थित जगन्नाध मंदिर में वापस पहुंचे ।
उसके बाद महंत दिलीपदासजी द्वारा भगवान की रथ में शयनआरती की गई थी इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु भक्तिरस में धन्य हो गए थे । भगवान को मंदिर परिसर में रथ में ही रात गुजारनी पडी थी । पीछे पौराणिक प्रचलित कथा है -कि लक्ष्मीजी को पूछे बिना भगवान जगन्नाथजी, बहन सुभद्राजी और भाई बलराम को लेकर नगरयात्रा पर निकल जाते है, इसी वजह से लक्ष्मीजी नाराज हो जाती है और इसी वजह से रातभर वह भगवान के लिए दरवाजा नहीं खोलती है । जिसकी वजह से भगवान को पूरी रात रथ में गुजारना पड़ता है । सुबह में भगवान बहुत विनंती करके लक्ष्मीजी को मनाने में सफल हो जाते है । जिसके शुक्रवार को भगवान जगन्नाथजी, बहन सुभद्राजी और बलराम की मूर्तियों का निजमंदिर के गर्भगृह में अपने मूल स्थान पर वैदिक मंत्रोच्चार और शास्त्रोक्त विधि के साथ विधिवत स्थापना की जायेगी ।
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