इस्लामिक देशों के समूह (OIC) ने कश्मीर मसले पर रुख बदलते हुए विशेष राजदूत की नियुक्ति कर दी है। OIC के इस फैसले पर भारत ने कड़ा एतराज जताया है। OIC ने पिछले हफ्ते हुई बैठक में जम्मू और कश्मीर के निवासियों के कानूनी अधिकारों का समर्थन किया है जिस पर भारत ने आपत्ति उठाई है। OIC के बयान और उसकी ओर से विशेष दूत की नियुक्ति पर भारत ने कहा है कि यह संगठन के अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हम स्पष्ट तौर पर OIC की ओर से कश्मीर मसले पर दिए गए बयान को खारिज करत हैं। इससे पहले मार्च में OIC में जम्मू और कश्मीर पर आए प्रस्ताव पर भारत ने कहा था कि यह हिस्सा भारत का अभिन्न अंग है और यह भारत का आंतरिक मुद्दा है। मार्च में हुई बैठक में OIC ने कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा करार दिया था। उस दौरान कश्मीर पर एक अलग प्रस्ताव पास किया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, हम 31 मई को सऊदी अरब के मक्का में ओआईसी की 14वीं बैठक में मंजूर अंतिम बयान में भारत के अभिन्न हिस्से के बारे में अस्वीकार्य उल्लेख को एक बार फिर खारिज करते हैं।
जम्मू कश्मीर राज्य भारत का एक अभिन्न हिस्सा है और इससे जुड़ा मामला ओआईसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय संगठन ओआईसी में 57 सदस्य देश हैं और इनमें से 53 मुस्लिम बहुल देश हैं। पिछले शुक्रवार को पवित्र शहर मक्का में ओआईसी की 14वीं बैठक आयोजित हुई और मुस्लिम देशों के कई नेता इसमें शामिल हुए।
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