रेलवे आरक्षण फॉर्म में जल्द ही आपको एक बदलाव देखने को मिलेगा । रेलवे बोर्ड आरक्षण फोर्म में पुरुषों के लिए एम और महिलाओं के लिए एफ के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए टी का विकल्प जोड़ने जा रहा है जिससे इस समुदाय को तीसरें लिंग के रुप में खुद की पहचान बताने का विकल्प उपलब्ध होगा । बोर्ड ने सभी रेलवे मंडलो को लिखे पत्र में कहा है कि टिकट आरक्षण और रद्दीकरण फोर्म में अब ट्रांसजेंडर के लिए केवल टी का विकल्प होगा जो पहले ट्रांसजेंडर होता था । पत्र के मुताबिक सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय फिलहाल ट्रांसजेंडर और किन्नर समुदाय के अनेक मामलों को देख रहा है । उधर, संसद की स्थायी समिति प्रस्तावित ट्रांसजेंडर जन विधेयक, २०१६ की समीक्षा कर रही है । १७ अक्टूबर को भेजे पत्र के मुताबिक, इस मामले की समीक्षा करने के बाद फैसला लिया गया है कि इस संदर्भ में सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा विस्तृत तौर-तरीकों को अंतिम रुप दिये जाने तक प्रणाली में एक प्रावधान किया जा सकता है और टी की जगह केवल टी का विकल्प दिया जा सकता है । २०१४ में एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर्स के लिए तीसरे जेंडर का दर्जा दे दिया था । इससे पहले उन्हें कोलम में पुरुष या महिला लिखना पड़ता था । आदेश के बाद कई सरकारी दस्तावेजों जैसे-पासपोर्ट, राशन कार्ड, बैंक फोर्म्स और मतदाता पहचान पत्रों के लिए तीसरे जेंडर के लिए टीजी, ओथर या टी का विकल्प देना शुरु कर दिया गया था । २०१६ में रेलवे ने भी एक आदेश के जरिए टी का विकल्प शुरू किया था पर कार्यकर्ताओं ने कहा था कि अब भी ट्रांसजेंटरो को अफनी पहचान बताने के लिए पुरूष या महिला के विकल्प पर ही निर्भर रहना पड़ता है ।