बीजेपी नेतृत्व कारोबारियों को जीएसटी के कारण हो रही परेशानियों से चिंतित है । हिमाचल और गुजरात के चुनावों को देखते हुए पार्टी को लग रहा है कि कहीं कारोबारियों की नाराजगी से उसे राजनीतिक नुकसान न हो जाए । यही कारण है कि बीजेपी ने इन कारोबारियों की नाराजगी दूर करने का कार्यक्रम बनाया है । अब केंद्रीय मंत्री सहित बीजेपी के तमाम सांसद उनके मीटिंग करेंगे और जीएसटी पर उनकी समस्याएं सुनकर रिपोर्ट बनाएंगे और उसे वित्त मंत्रालय को सौंपेंगे । इस रिपोर्ट पर वित्त मंत्रालय तुरंत कार्रवाई करेगा और जीएसटी काउंसिल के जरिए उनकी समस्याओं को निपटाया जाएगा । वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस बारे में कार्यक्रम बन चुका है और जल्द इस पर अमल शुरू किया जाएगा । सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार के कई सीनियर मंत्रियों और बीजेपी के सीनियर नेताओं ने पीएम मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली से कहा कि नोटबंदी के बाद जिस तरह से जीएसटी लागू किया गया, उससे कारोबारी काफी नाराज है । छोटे और मंझोले स्तर के कारोबारियों को रिटर्न भरने से लेकर माल खरीदने और उसे बेचने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में जरूरी है कि कारोबारियों के बीच जाकर इस बारे में उनसे सीधे बातचीच की जाए । अगर नाराज कारोबारियों को मनाया नहीं गया, तो चुनावी मैदान में पार्टी को नुकसान हो सकता है । वित्तमंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि जीएसटी के तहत जितने लोगों ने अभी तक अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, उसमें ६० प्रतिशत से ज्यादा छोटे और मंझोले कारोबारी है । केन्द्र सरकार के मंत्री और सांसदों से कहा गया कि वे अब से नियमित रूप से कारोबारियों के बीच जाकर उनका हाल जानेंगे । उनके साथ नियमित रूप से बैठकें करेंगे । आर्थिक मामलों से जुड़े मंत्रालयों के कई मंत्रियों को ये निर्देश जारी किया गया है कि वे कारोबारियों के बीच जाएं और उनसे पूछें कि उन्हें जीएसटी समेत इन दिनों किस-किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
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