अपना पुत्र किशोर होने के बावजूद भी उसकी शादी किशोरी के साथ कराकर गैरकानूनी तरीके से बालविवाह कराने के अपराध में पकड़े गये पिता चमनाजी सुराजी ठाकोर की अग्रिम जमानत अर्जी यहां के एडिशनल सेशन्स जज पूनम बी. सिध ने सख्त रवैये के साथ खारिज किया था । सेशन्स कोर्ट ने बालविवाह कराना यह अपराध और गंभीर अपराध होने का मालूम होने पर भी यह गंभीर अपराध किए गए होने से आरोपी को अग्रिम जमानत अर्जी देने से इन्कार कर दिया था । यह केस की जानकारी यह है कि, शहर के रणिप क्षेत्र में खेंगारजी की चाली में रहते आरोपी चमनाजी ठाकोर ने अपना पुत्र किशोर होने के बावजूद भी शाहीबाग क्षेत्र में रहती किशोरी के साथ इसकी शादी करा दी थी । शादी के बाद किशोर ने शिकार होनेवाली किशोरी के साथ शरीर संबंध बनाया था । बाद में माइका आने के बाद किशोरी ने ससुराल जाने ने इन्कार कर देने से पुलिस कंट्रोलरुम को जानकारी देने पर शाहीबाग पुलिस ने समग्र मामले में शिकायत दर्ज करके जांच की कार्यवाही शुरू कर दी है । इस अपराध में किशोर उम्र के पुत्र के आरोपी पिता द्वारा की गई अग्रिम जमानत अर्जी का सख्त विरोध करने पर सरकार पक्ष की तरफ से मुख्य सरकारी वकील सुधीर बी. ब्रह्मभट्ट ने बताया है कि, फिलहाल के अर्जीकर्ता आरोपी ने शिकार होनेवाली किशोरी कम उम्र की होने के बावजूद भी उसके तथा अपने किशोर उम्र के पुत्र की शादी कराया था । इतना ही नहीं, आरोपी के पुत्र ने शिकायतकर्ता शिकार होनेवाली के साथ उसकी इच्छा के विरूद्ध शरीरसंबंध बनाया था । आरोपी ने किशोर उम्र के पुत्रों की शादी कराकर गंभीर अपराध किया है । इस प्रकरण में शाहीबाग पुलिसस्टेशन में बालविवाह प्रतिबंधक अधिनियम, पोक्सो एक्ट और इपीको की धारा के तहत अपराध दर्ज किया गया है । अब अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को कोई भी हालत में अग्रिम जमानत अर्जी नहीं दी जा सकती है । सरकारपक्ष की तरफ से दी गई दलीलों को मंजूर करके कोर्ट ने आरोपी पिता की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था ।
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