अहमदाबाद शहर में इस वर्ष में मौसम का अभी तक में औसत १० इंच बारिश हो चुकी है फिर भी इस बारिश ने अहमदाबाद म्युनिसिपल प्रशासन की स्मार्टसीटी के दावे के संबंधित कई पोल खोल दी है । महत्वपूर्ण बात तो यह सामने आयी है कि, वर्ष १९८६ में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की सीमा में पूर्व के क्षेत्रों को शामिल किया गया फिर भी आज तक यह क्षेत्रों तक स्ट्रोम वोटर ड्रेनेजलाइन पहुंचाने में म्युनिसिपल प्रशासन विफल जाने पर इस क्षेत्र में रहते नागरिकों की परेशानी बढ़ गई है । इस बारे में जानकारी यह है कि वर्ष १९८६ के वर्ष में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की सीमा में पूर्व के क्षेत्रों को शामिल किया गया था इसके बाद आज अब अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के वार्षिक बजट का आंकड़ा कुल मिलाकर ६५५१ करोड़ पर पहुंच गया है । फिर भी यह क्षेत्र में रहते लोगों को मुख्यरूप से ऐसी नल, गटर और रास्ते की प्राथमिक सुविधा प्रशासन की तरफ से पूरी उपलब्ध करानी चाहिए यह पहुंचाने में म्युनिसिपल प्रशासन विफल गया है । इस क्षेत्र में रहते स्थानीय लोगों का आरोप है कि, म्युनिसिपल प्रशासन यह क्षेत्रों से वर्ष में करोड़ों रुपये टैक्स के तहत वसूलती है । फिर भी मूलभूत सुविधा इतने वर्ष में भी नहीं मिल सकी है । यहां से चुनकर म्युनिसिपल कॉर्पोरेटर बनते कॉर्पोरेटरों में भी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं होने के कारण शहर के पश्चिम और नया पश्चिमजोन के क्षेत्रों की तुलना में सुविधा नहीं मिलती है ।
इस दौरान रामोल-हाथीजण वोर्ड के कॉर्पोरेटर अतुल पटेल ने एक बातचीत में कहा है कि, हाथीजण वोर्ड में स्थित नया विंजोल, नया वटवा, बचुभाई का कुवा, वीनीयापीर का टेकरा आदि क्षेत्र में म्युनिसिपल द्वारा ड्रेनेज पंपींग स्टेशन नहीं बनाया गया है । जिसके कारण गटर के गंदा पानी लोगों के घरों में वापस आता है विशेष करके बारिश की मौसम में यह पानी रास्तों पर आ जाते है । जिसे लेकर गंदगी फैल रही है ।