शहर के दरियापुर क्षेत्र के मर्डर केस के एक केस में साबरमती जेल में रहे कैदी पति को कोर्ट से अंतरिम जमानत देने के लिए उनकी पत्नी ने अपने गर्भाशय के ऑपरेशन का नाटक की बात करके इसके फर्जी दस्तावेज कोर्ट में पेश करके गलत तरीके से अपने पति का जमानत लेने के लिए प्रयास किया था लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन में महिला ने पेश किए गए दस्तावेज फर्जी और इसके गर्भाशय का कोई कैंसर नहीं होने की सच्चाई कोर्ट के समक्ष आने पर एडिशनल सेशन्स जज एमके चौहाण ने गंभीर नाराजगी व्यक्त की थी । कोर्ट ने अर्जीकर्ता महिला की कड़े शब्दों में फटकार लगाकर इसकी आलोचना की थी । कोर्ट के मूड को पहचानकर आखिर में महिला ने अपने पति के अन्तरिम जमानत अर्जी वापस लेनी पड़ी थी । शहर के दरियापुर क्षेत्र में मेणवाड म्युनिसिपल स्कूल के पास रहते सेजलबहन भद्रेशकुमार राठोड ने अपने पति भद्रेश उर्फ भुरजी मफाजी ठाकोर के ३० दिन के अन्तरिम जमानत के लिए अर्जी की थी । जिसमें अर्जीकर्ता को गर्भाशय का कैंसर होने से इसकी ऑपरेशन की तारीख १८.७.२००७ निश्चित हुई होने से पैसे की और अन्य व्यवस्था के लिए पति की उपस्थिति की महत्वपूर्ण जरूरत होने से उनको जमानत देने के लिए कोर्ट से विनंती की थी । हालांकि, यह जमानत अर्जी की सुनवाई के दौरान मुख्य सरकारी वकील सुधीर बी. ब्रह्मभट्ट ने अर्जीकर्ता महिला ने अपनी बीमारी के बारे में वीएस अस्पताल के पेश किए मेडिकल दस्तावेज की दरियापुर पुलिस के द्वारा जांच की गई थी और इसमें चौंकानेवाली सच्चाई सामने आयी थी कि, यह महिला को गर्भाशय के कैंसर की कोई बीमारी नहीं है । जिसके मुख्य सरकारी वकील सुधीर ब्रह्मभट्ट ने कोर्ट को बताया कि, प्रस्तुत केस में अर्जीकर्ता महिला ने मर्डर केस में जेल में रहे अपने पति को बरी कराने के लिए बीमारी के फर्जी दस्तावेज कोर्ट में पेश किया गया है कि, जो काफी गंभीर कहा जाएगा । पुलिस ने किए वेरिफिकेशन में वीएस अस्पताल के डॉक्टर का ब्यान लिया गया है, इसमें स्पष्ट होता है, यह महिला ने डॉक्टर को गर्भाशय के कैंसर की कोई बात नहीं की है और डॉक्टरों ने इसके ऑपरेशन के लिए सलाह सूचना या चोपडी में कोई लिखित नोट नहीं किया है ।