सिक्किम की सरहद को लेकर भारत और चीन सामने सामने हैं । दोनों देशों के बीच इस बढ़ते तनाव का प्रभाव आर्थिक रिश्तों पर भी पड़ने की आशंका हैं । भारत के बड़े बाजार पर नजर लगाए बैठे चीन को अब व्यापार को लेकर चिंता सताने लगी हैं । इसकी जलक चीन सरकार द्वारा नियंत्रित मीडिया की खबरों में भी नजर आई । भारत में काम कर रही चीनी कंपनियों को चेताया गया है कि सरहद पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर चीनी वस्तुओं का बहिष्कार होने की संभावना हैं । चीनी मीडिया ने एक लेख में कहा है कि भारत के लोग अपने देश की संप्रभुता को लेकर बेहद संवेदनशील हैं, ऐसे में चीनी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं । दरअसल जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए, तो उस दौरान एशिया२ के दो महारथियों के बीच रिश्तों में भी गर्माहट आई । आपसी विश्वास के चलते २०१४ की तुलना में चीन से विदेशी निवेश लगभग ६ गुना से ज्यादा बढ़ा हैं । वहीं भारत के मुकाबले चीन का भारत में निर्यात काफी भारी भरकम हैं । आंकड़ों की बात करें तो चीन और भारत के निर्यातक में भारी असमानता हैं । यहां चीन भारत में लगभग ७ अरब डोलर का निर्यात करता हैं, वहीं भारत का चीन में निर्यात महज १६ मिलियन डोलर हैं । वहीं अगर विदेशी निवेश की बात करें, तो चीन ने २०१४ में एक बिलियन डोलर का निवेश किया और २०१५ में ही बढ़कर ६ मिलियन डोलर हो गया । चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए भारत एक पसंदीदा डेस्टिनेशन हैं । जिसको वह गवाना नहीं चाहता ।