बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा पार्टी फंड में चंदा इकट्ठा करने के नाम पर सियासत शुरू हो गई है। राजद ने सभी विधायकों व विधान परिषद के सदस्य को हर महीने 10 हजार रुपये पार्टी फंड में जमा कराने का निर्देश दिया है। राजद के इस फरमान के बाद ‘हम’ के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा, बिहार में सुशासन की वजह से राजद की आमदनी कम हो गई है।
अब व्यापारियों डॉक्टरों से मांगे जाने वाली फिरौती से जनता मुक्त हो गई है। जंगलराज के खिलाफ वोट देकर जनता ने खुद को बचा लिया है। लिहाजा अब पार्टी का खजाना भरने के लिए राजद ने अपने विधायकों से पैसे की वसूली चालू कर दी है।
वहीं, राजद के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि यह कोई नई परंपरा नहीं है। सभी विधायकों व विधान परिषद की सुविधाओं में इजाफा किया गया है ऐसे में 10 हजार रुपये की राशि बहुत ज्यादा नहीं है। ये सभी पार्टियों में होता है ना कि केवल राजद में।
बताया जाता है कि पहले 25 हजार रुपये हर महीने पार्टी फंड में जमा करने का प्रस्ताव था, लेकिन इसके लिए राजद के विधायकों ने विरोध शुरू कर दिया तब बात 10 हजार पर बनी। वहीं, पूर्व विधायकों व विधान परिषद के सदस्यों को भी पार्टी फंड में चार हजार रुपये जमा करना होगा।
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