गुजरात में दीपावली पर्व के बाद कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के चलते कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगाना पड़ा। वहीं, अहमदाबाद में लागू दो दिन के कर्फ्यू को बढ़ाने वह कोरोना की समीक्षा को लेकर शाम को मुख्यमंत्री आवास पर बैठक होगी। अहमदाबाद में कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर अब तक 343 लोगों को पकड़ा गया है, इनमें से एक कोरोना संक्रमित पाया गया। गुजरात में दीपावली व नववर्ष के बाद कोरोना संक्रमण के मामले अचानक बढ़ने लगे, जिसके बाद राज्य सरकार व अहमदाबाद महानगर पालिका प्रशासन अलर्ट हो गया। अहमदाबाद में जहां शुक्रवार रात से सोमवार सुबह 6:00 बजे तक का कर्फ्यू लागू है, वही सूरत, वडोदरा व राजकोट शहर में रात को 9:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक का कर्फ्यू अगली सूचना तक लागू कर दिया गया है।
अहमदाबाद में लागू कर्फ्यू को आगे बढ़ाने पर शाम को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गांधीनगर स्थित सरकारी आवास पर होने वाली बैठक में फैसला किया जा सकता है। केंद्रीय टीम के सदस्य अहमदाबाद तथा वडोदरा की अस्पताल का दौरा कर गुजरात के कोरोना संक्रमण की समीक्षा कर रहे हैं। शाम को इस टीम के सदस्य मुख्यमंत्री रूपाणी से मुलाकात कर उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे। रूपाणी इसके बाद ही अहमदाबाद में लागू पूर्ण कर्फ्यू को आगे बढ़ाने या उसे रात के कर्फ्यू में परिवर्तित करने का फैसला करेंगे। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चौहान सहित मंत्रिमंडल के अन्य वरिष्ठ सदस्य मुख्य सचिव अनिल मुकीम तथा अहमदाबाद महानगरपालिका के विशेष प्रभारी अधिकारी अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ राजीव गुप्ता सहित कई आला अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।
अहमदाबाद में लागू कर्फ्यू उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने शुक्रवार रात से रविवार सुबह तक 315 मामले दर्ज कर 343 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से एक व्यक्ति को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से उसे उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया है। डॉ राजीव गुप्ता ने कहा, अहमदाबाद के सिविल अस्पताल व अन्य सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं। उन्होंने शहर के निजी अस्पतालों को कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए पर्याप्त बिस्तर खाली रखने के निर्देश देते हुए कहा, कोरोना से संक्रमित मरीजों को गुमराह करने व बेड उपलब्ध नहीं कराने वाले अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ गुप्ता ने कहा, सरकारी अस्पतालों में करीब सात सौ बेड अभी भी खाली हैं, इसलिए कोविड-19 से संक्रमित लोगों को उपचार के लिए किसी तरह की कोई शंका में चिंता करने की जरूरत नहीं है।