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चीन किलर मिसाइलों से लैस परमाणु सबमरीन की बढ़ा रहा फौज

चीन की दुनिया पर कब्जा करने की नीयत और आक्रमकता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ड्रैगन ने ब्‍लू वॉटर नेवी बनने के लिए अपनी पूरी ताकत अब परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों पर लगा दी है। चीन इसके लिए परमाणु पनडुब्‍बी बनाने वाले अपने एकमात्र श‍िपयार्ड का व्‍यापक विस्‍तार कर रहा है। सैटलाइट तस्‍वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने परमाणु पनडुब्‍बी सीमित निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए अपनी कमर कस ली है। चीन की इस तैयारी को देखते हुए अमेरिका और भारत की टेंशन बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट मुताबिक सैटलाइट तस्‍वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन अपने शिपयार्ड का बड़े पैमाने पर अतिरिक्‍त विस्‍तार कर रहा है। इस विस्‍तार के काम के पूरा होने के बाद चीन बड़े पैमाने पर परमाणु पनडुब्‍बी बनाने लगेगा। यही नहीं इस विस्‍तार के बाद चीनी शिपयार्ड के परमाणु सबमरीन बनाने में लगने वाला समय भी कम हो जाएगा। चीन अगले 10 साल में परमाणु पनडुब्‍बी निर्माण के मामले में दुनियाभर में चर्चा का विषय बना रहेगा। द ऑफ‍िस ऑफ नेवल इंटेलिजेंस के मुताबिक चीन के हमलावर परमाणु पनडुब्बियों की संख्‍या वर्ष 2030 तक बढ़कर 6 हो जाएगी। वहीं अन्‍य विश्‍लेषकों का कहना है कि चीन के इन परमाणु पनडुब्बियों की संख्‍या और ज्‍यादा हो सकती है। सैटलाइट की तस्‍वीरों से खुलासा है कि हुलुदाओ में बोहाई शिपयार्ड में एक नए निर्माण हाल का निर्माण किया जा रहा है। यही पर चीन ने वर्ष 2015 में एक बेहद अत्‍याधुनिक पनडुब्‍बी का निर्माण किया था। नए हाल में एक साथ दो पनडुब्बियों के निर्माण की सुविधा होगी। हाल ही में यहां पर कुछ और हाल बनाए गए हैं जिससे एक साथ एक छत के नीचे 4 पनडुब्‍बी बनाई जा सकेंगी। इसी स्‍थल के दूसरी ओर एक और निर्माण स्‍थल है जो अभी भी सक्रिय है। इसका मतलब है कि चीन एक बार में 4 से 5 पनडुब्बियों का निर्माण कर सकता है। परमाणु पनडुब्बियों में बलस्टिक मिसाइल सबमरीन और अटैक सबमरीन दोनों ही शामिल हैं। इन्‍हें घातक मिसाइलों से लैस करने की चीन की योजना है। चीन की यह तैयारी अमेरिका और भारत के लिए खतरे की घंटी है। अमेरिका के रक्षामंत्री मार्क ईस्‍पर ने कहा है कि चीन से टक्‍कर के लिए बनाई जा रही बैटल फोर्स 2045 के तहत हमें जल्‍द से जल्‍द हर साल वर्जीनिया क्‍लास की तीन परमाणु सबमरीन बनाना होगा। ये विशाल और ज्‍यादा ताकतवर सबमरीन 70 से 80 की संख्‍या में बनाई जानी हैं। इसे भविष्‍य में महाशक्तियों की जंग में सबसे ज्‍यादा कारगर हमलावर हथियार माना जा रहा है। उधर, चीनी नौसेना की नजर अब हिंद महासागर पर भी हो गई है। चीन ग्‍वादर में नेवल पोर्ट बना रहा है और उसका एक पोर्ट पहले से ही अफ्रीका के ज‍िबूती में है। चीन के नौसेना की उप‍स्थिति भी अब हिंद महासागर में लगातार बढ़ती जा रही है। चीन के इसी खतरे को देखते भारत की टेंशन बढ़ गई है। भारत इस संकट से निपटने के लिए जहां अब तेजी से परमाणु सबमरीन बनाने में जुटा है, वहीं अमेरिका से सबमरीन के खात्‍मे वाले हथियार भी खरीद रहा है।

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