Aapnu Gujarat
ગુજરાત

मुनाफे का कारोबार गीर गाय

गीर गाय पशुपालन अब भारी मुनाफे का कारोबार बन गया है। गीर गाय का दूध 70 रुपये से दो सौ रुपये प्रति लीटर तथा घी 2000 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। सौराष्‍ट्र के गीर जंगल के नाम से गीर गाय का नाम पड़ा है, इनकी कीमत 90 हजार रुपये से साढ़े तीन लाख रुपये तक है। दूध का भाव गाय को खिलाये जाने वाले चारे व उसकी पौष्टिकता पर निर्भर करता है। गुजरात के गौ कृषि जतन संस्‍थान की गौशाला में गायों को जीवंती पाउडर व पलाश के फूल का पाउडर खिलाया जाता है जिससे दूध की गुणवत्‍ता बढ़ जाती है। कोरोना महामारी में आर्थिक संकट के चलते हाल गीर गाय 45 से 60 हजार रुपये में भी बेची जा रही है।
गुजरात की गीर गाय राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, हरियाणा, उत्‍तर प्रदेश से लेकर ब्राजील तक मशहूर है, गाय की पहचान उसकी कदकाठी व शरीर के रंग से ही हो जाती है। स्‍वर्ण कपिला व देवमणी गाय इस नस्‍ल की सबसे श्रेष्ठ गाय मानी जाती है। स्‍वर्ण कपिला 20 लीटर दूध रोजना देती है तथा इसके दूध में फैट सबसे अधिक 7 प्रतिशत होता है। देवमणी गाय एक करोड़ गायों में से एक होती है, इसके गले की थैली की बनावट के आधार पर ही इसकी पहचान की जाती है। राजकोट के जसदण की आर्यमान गीर गौशाला में 400 गायें है, अलग-अलग नस्‍ल के 10 सांड भी हैं। इसके संचालक दिनेश सयाणी बताते हैं गीर गाय हर साल बछडा व 10 माह दूध देती है 2 माह उसे आराम चाहिए।
लाल रंग, सफेद चकत्‍ते, पीछे की ओर कान से सटकर निकले सींग, लंबे व थैलीनुमा कान, माथे का फलक उभरा, गले की थैली लटकती हुई, गर्दन के पीछे हम्‍प उभरा व आगे के पैरों के बिल्‍कुल ऊपर हो। गाय की पीठ सीधी व बैक बोन चौड़ी हो ताकि दूध अधिक दे सके। चमड़ी पतली, खुर छोटे व चांदनुमा आकार के हों। बंशीधर गौशाला वडोदरा के अजय राणा बताते हैं कि गीर गाय 10 से 20 किलो दूध देती है, केवल क्रॉस ब्रीड की गाय ही 30 किलो तक दूध दे सकती है लेकिन उसकी पौष्टिकता कम होगी। दिव्‍य कामधेनू गौशाला दूध की बिक्री नहीं करते वह केवल घी तैयार कर ऑनलाइन 1950 रु प्रति किलो के भाव से बेचती है।
श्रीगीर गौ कृषि जतन संस्‍थान राजकोट के गोंडल कस्‍बे में है, इनकी गौशाला का दूध 200 रुपये तथा घी 2000 रुपये किलो बिकता है। इसके संचालक रमेश रुपारेलिया बताते हैं कि वे गायों को मौसम के अनुसार ही चारा, पौषाहार व सब्जियां खिलाते हैं। चरक संहिता के अनुसार वे गायों को जीवंती पाउडर भी खिलाते हैं जिससे गाय का दूध आंखों की ज्‍योति बढ़ाने के साथ गर्भ धारण की क्षमता बढ़ाता है। आयुर्वेद के अनुसार गायों को पलाश के फूल का पाउडर खिलाने से उस गाय का दूध मानसिक शांति देने वाला व शरीर को ठंडक प्रदान करता है। साथ ही श्‍वेत प्रदर में भी लाभकारी होता है। सौराष्‍ट्र में एक कहावत भी है कि गौमाता, आयुर्वेद व कृषि का त्रिगुण आयु को आपकी दासी बना देता है। गाय को बीटी कॉटन की खली नहीं खिलानी चाहिए, ऐसी गाय के दूध से नपुंसकता आ सकती है।

Related posts

દિવાળી : મંદિરો-ગુરૂદ્વારામાં સાફ-સફાઇ પ્રક્રિયા શરૂ

aapnugujarat

शंकरसिंह को २० साल तक रखा वह हमारी गलती : अमरिन्दर ब्रार

aapnugujarat

GSTની અમલવારીમાં ટેક્ષટાઇલ્સ ઇન્ડસ્ટ્રીઝને નડતી તમામ મુશ્કેલીઓ હલ કરવા કેન્દ્ર સરકાર પ્રતિબધ્ધ : કેન્દ્રીય મંત્રી મનસુખભાઇ માંડવિયા

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1