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सीतारमण ने MSP के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जिन लोगों गेहूं और धान के अलावा किसी अन्य जिंस के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दिए, वे अब अनुचित आशंकाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने नए कृषि कानूनों का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि ये कानून केंद्र सरकार के दायरे में आते हैं और इसमें राज्यों के बीच कृषि व्यापार को शामिल किया गया है।
सरकार द्वारा एमएसपी को खत्म करने की आशंकाओं पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस पर अटकलबाजी करना और कहना कि यह किसानों की चिंता है, बिल्कुल अनुचित है।” वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘एमएसपी जारी थी, जारी है और यह जारी रहेगी।” उन्होंने कहा कि कुछ अन्य सरकारों ने सिर्फ धान और गेहं पर एमएसपी देने पर ध्यान केंद्रित किया तथा दूसरी फसलों के बारे में चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं और धान के अलावा दूसरी फसलों के एमएसपी बढ़ाया।
मंत्री ने कहा कि हालांकि एमएसपी व्यवस्था में 20-23 उपज शामिल की गईं थीं लेकिन पिछली सरकारों ने सिर्फ घान और गेहूं के लिए समर्थन मूल्य दिया और दूसरी फसलों के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि आज वही लोग अनुचित आशंका फैलाने को रोना रो रहे हैं कि यह सरकार एमएसपी खत्म कर सकती है। उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा के सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं और धान के अलावा दूसरी फसलों के एमएसपी को भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 23-24 लाख टन दालों की जरूरत थी, जबकि उत्पादन केवल 16 लाख टन था और ऐसे में बाकी दाल का आयात किया जाता था। सीतारमण ने आगे कहा कि इस हाताल को बदलने के लिए सरकार ने दूसरी फसलों के लिए भी एमएमपी देने का फैसला किया।

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