संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन ने इजराइल के साथ प्रस्तावित ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस दौरान दोनों यूएई और बहरीन की सरकारों के प्रतिनिधि और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू भी मौजूद रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को ‘नए मध्य पूर्व की शुरुआत’ बताया और कहा कि इससे दुनिया के एक अहम हिस्से में अब शांति स्थापित की जा सकेगी। ट्रंप ने समझौते पर दस्तख़त का एक वीडियो शेयर किया और लिखा, ‘दशकों के विभाजन और संघर्ष के बाद आज हमने एक नए मिडिल ईस्ट की शुरुआत की है। इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के लोगों को बधाई। भगवान आप सबका भला करे।’ ट्रंप ने कार्यक्रम में शरीक़ होने व्हाइट हाउस पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज दोपहर हम यहां इतिहास बदलने आए हैं। इजराइल, यूएई और बहरीन अब एक दूसरे के यहां दूतावास बनाएंगे, राजदूत नियुक्त करेंगे और सहयोगी देशों के तौर पर काम करेंगे। वो अब दोस्त हैं।’ ईरान और फिलीस्तीन नाराज़उधर यूएई और बहरीन के इजराइल के साथ हुए इस शांति समझौते पर ईरान, तुर्की और फिलिस्तीन ने कड़ा ऐतराज जाहिर किया है। यूएई और बहरीन 1948 में इजराइल की स्थापना के बाद उसे मान्यता देने वाले तीसरे और चौथे अरब देश बन गए हैं। पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई भी इजराइल के साथ अपने रिश्ते सामान्य करने पर सहमत हुआ था। अब ऐसा माना जा रहा है कि ओमान भी ऐसा कर सकता है। उधर फिलीस्तीन के लोगों ने अरब देशों से अपील की है जब तक फिलीस्तीन और इजराइल के बीच विवाद का हल नहीं निकल जाता, उन्हें इंतज़ार करना चाहिए। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंज़ामिन नेतन्याहू ने भी इस समझौते का स्वागत किया। उनहोने कहा, ‘आज इतिहास के करवट की दिन है। ये शांति की नई सुबह लेकर आएगा।’ फिलीस्तीन के नेता महमूद अब्बास ने कहा कि मध्य पूर्व में शांति तभी आ सकती जब इसराइल वहां क़ब्ज़ा की गई जगहों से पीछे हट जाएगा। अब्बास ने समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, ‘मध्य पूर्व में शांति, सुरक्षा और स्थिरता तभी आएगी जब यहां से इसराइल का क़ब्ज़ा ख़त्म हो जाएगा।’ इजराइल की सेना के मुताबिक़ जब समझौते पर हस्ताक्षर का कार्यक्रम चल रहा था तभी गज़ा पट्टी से इसराइल की तरफ़ दो रॉकेट फेंके गए।