अहमदाबाद में भगौडे बाबा नित्यानंद के आश्रम के विवाद में आने के बाद रद्द हुई डीपीएस स्कूल की मान्यता के खिलाफ दायर अर्जी भी खारिज कर दी गई। डीपीएस स्कूल परिषर में नित्यानंद आश्रम भी चल रहा था। यहां अवैध रुपसे बच्चों को बंधक बनाकर उनसे डोनेशनल मंगवाया जाता था। मामला सामने आने के बाद सरकार की ओर से जांच करने के बाद डीपीएस स्कूल मान्यता रद्द कर दी गई थी। अहमदाबाद के हाथीजण क्षेत्र में नित्यानंद दिल्ली पब्लिक स्कूल केम्पस में ही किराये पर जमीन लेकर अपना आश्रम चला रहा था। बेंगलुरु के एक दंपति ने अहमदाबाद आकर नित्यानंद के खिलाफ उनकी लड़कियों को अगवा करने की शिकायत दर्ज करवायी। जिसके बाद यह पूरा मामला सामने आया है। नित्यानंद आश्रम में बच्चों को बंधकर बनाकर रखता था। बच्चों को उनके मां-बाप से भी मिलने नहीं दिया जाता था। बच्चों को डराया जाता था कि मां-बाप से मिलने पर गुरु श्राप लगेगा। पुलिस ने आश्रम में छापा मारकर बच्चों को छुड़ाया था।
सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर आश्रम के लिए जमीन देने पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के खिलाफ जांच शुरु की थी। जिसमें सामने आया कि स्कूल के पास शिक्षा विभाग की एनओसी ही नहीं है। डीपीएस स्कूल ने फर्जी एनओसी बनाकर सीबीएसई से स्कूल के लिए मंजूरी हासिल की थी। गुजरात सरकार ने जांच कर सेन्ट्रल बोर्ड को रिपोर्ट पेश किया। जिसके बाद सीबीएसई द्वारा 1 दिसम्बर के दिन डीपीएस स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी। सीबीएसई के बाद गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग ने भी इस स्कूल की मान्यता रद्द कर दी। हालांकि बाद मे छात्रों के भविष्य को ध्यान मे रखते हुए सरकार ने 31 मार्च 2020 तक स्कूल चालू ऱखने के साथ इसका संचालन शिक्षा विभाग द्वारा करने का निर्णय किया था। हालांकि डीपीएस स्कूल की प्रिंसपाल मजुला श्रोफ ने फिर से स्कूल की मान्यता के लिए प्रक्रिया शुरु की थी और शिक्षा विभाग में नये सत्र से स्कूल को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। लेकिन सरकार ने इसे खारिज करते हुए स्कूल मान्यता देने से इंकार कर दिया है।