अभिनेत्री सनी लियोनी का मानना है कि वह असत्य में जीती हैं और वह महिला सशक्तीकरण और हैशटैगमीटू आंदोलन से लोगों की बदली मानसिकता जैसी सारी बातों पर भरोसा करती हैं। उन्होंने कहा कि इन आंदोलनों से लोगों की मानसिकता बदली है। बीते साल पश्चिमी फिल्म जगत के बाद हैशटैगमीटू आंदोलन ने बॉलीवुड में भी हलचल मचा दिया था। इसकी शुरुआत तब हुई थी, जब अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने साल 2008 में नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
हैशटैगमीटू आंदोलन से बॉलीवुड में आए बदलाव को लेकर पूछे जाने पर सनी ने कहा, मैं किसी कार्यालय में काम नहीं करती हूं। मैं असत्य में जीती हूं, लेकिन मैं यह भी मानती हूं और इस पर भरोसा करती हूं कि चाहे वह पुरुष हो या महिला हो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और असहज होने की बातें करनी चाहिए, क्योंकि मेरा मानना है कि यह पुरुषों के साथ भी होता है। इसका खुलासा इसलिए नहीं हो पाता है क्योंकि वह आदमी है और यह बड़ी बात नहीं मानी जाती है। अगर कोई किसी को कार्यस्थल पर या कहीं और परेशान करता है, तो वह जितना बोलेंगे, लोग उतने जागरूक होंगे कि नहीं यह सही नहीं है। मेरा मानना है कि हां चीजें जरूर बदलेंगी।
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