Aapnu Gujarat
ગુજરાત

आदिवासी समाज को दी गई वनपैदाश की पूरी मालिकी

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की उपस्थिति में पेसा क्षेत्र के १३ जिले के ५० तहसीलों के सरपंचों और उप-सरपंचों का सम्मेलन शनिवार को महात्मा मंदिर में सुबह में १० बजे आयोजित किया जाएगा । इस सम्मेलन में विशेष करके गुजरात पंचायत के प्रावधानों (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तरण) अधिनियम के तहत पेसा नियमों-२०१७ सबब आदिजाति समाज को मिलते विशेष अधिकारों के बारे में मार्गदर्शन भी दिया जाएगा । राज्य की छह करोड़ की आबादी में से ३.६६ करोड़ लोग गांवों में रहते हैं और इसमें से ८२.४५ लाख लोग आदिजाति के है । राज्य में कुल ३३ जिलों के २४९ तहसील में से ४ जिला के २३ तहसील पेसा नियमों में संपूर्ण शामिल है । जबकि ९ जिलों के २७ तहसील आंशिक शामिल है । इस तरह, पेसा के तहत कुल शामिल ५० तहसील की कुल २६७८ ग्राम पंचायत शामिल हुए है । यह पेसा नियम के तहत ४५०३गांव भी शामिल हुए है । यह अधिनियम के तहत वन और पर्यावरण क्षेत्र में वन उत्पादों की संपूर्ण मालिकी ग्राम पंचायत और आदिजाति समाज को दी गई है । जिसके कारण वन उत्पादों का संग्रह और बिक्री में से एजेन्टों या दलाल हट गये है । उत्पादों के बिक्री की आय आदिजाति समाज के लोगों के विभाग में सीधा जमा होता है यानी कि संपूर्ण पारदर्शिकता बनी रहती है । यह पेसा नियमों के अनुसार ग्राम सभा का बहुत ही महत्व है । गौण खनीज का उत्खनन के लिए ग्रामसभा के पहले सिफारिश अनिवार्य बनायी गई है । जमीन और जमीन संपादन के संदर्भ में १३५-डी की नोटिस अनिवार्य ग्रामसभा के समक्ष रखना और ७३ एए में ग्रामसभा के साथ विचार-विमर्श अनिवार्य किया गया है । यह नियम के तहत शांति समिति, साधन संपत्ति के बारे में आयोजन और संचालन समिति तथा सावधानी और देखरेख समिति यह तीन नई समिति की रचना भी की गई है ।

Related posts

નોકરી પુરી પાડવામાં ગુજરાત પ્રથમ ક્રમાંક ઉપર રહ્યું : ઠાકોર

aapnugujarat

પાટીદારોને અનામત આપવા માંગ : મહારાષ્ટ્રની જેમ ગુજરાત સરકાર પણ વિચારણા કરી શકે

aapnugujarat

અમદાવાદમાં પત્નીએ પતિનું ઢીમ ઢાળી દીધું

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1