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एलओसी पर पांच साल में २,२२५ बार हुआ सीजफायर उल्लंघन

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन इस साल के नौ महीनों के दौरान पांच सालों में सबसे ज्यादा रहा । भारतीय सेना के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में २ अक्टूबर तक २,२२५ बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, जिसका मतलब है कि इस अवधि के दौरान उसने एक दिन में औसतन आठ बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया । आंकड़ों के मुताबिक, इसकी तुलना में २०१८ में पूरे वर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की कुल संख्या १,६२९ थी । एक रक्षा अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान ने इस साल फरवरी में बालाकोट हवाई हमलों के बाद संघर्ष विराम उल्लंघन बढ़ा दिया और फिर अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त करने के बाद संघर्ष विराम का उल्लंघन और तेज कर दिया । रक्षा अधिकारी ने आगे कहा कि संघर्ष विराम उल्लंघन के ज्यादातर मामले पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों से जुड़ी है ।
खुफिया रिपोट्‌र्स से पता चला है कि पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के लिए माकूल मौका मिलने पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कराने की कोशिश की जाती है । सेना के सूत्रों ने कहा कि भारत ने हर संघर्ष विराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया है । एलओसी पर भारतीय चौकियों पर बॉर्डर ऐक्शन टीम (बैट) के हमलों को अंजाम देने की पाकिस्तान की कोशिशें भी हुई हैं । बैट टीम में आमतौर पर पाकिस्तानी सेना के कमांडो और आतंकवादी होते हैं । जुलाई के अंतिम सप्ताह में, भारतीय सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में केरन सेक्टर की एक अग्रिम चौकी के पास पांच बैट हमलावरों को मार गिराया था । उनके शवों पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दावा नहीं किया गया । सेना के आंकड़ों के अनुसार, २०१८ में पूरे वर्ष के दौरान ३१८ के मुकाबले २ अक्टूबर तक एलओसी के पास और जम्मू-कश्मीर के भीतरी इलाकों में १२३ आतंकवादी घटनाएं हुई हैं । सेना ने २०१८ में २५४ और २०१७ में २१३ के मुकाबले इस साल २ अक्टूबर तक १४० आतंकवादियों को मार गिराया है ।

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