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टीम मैनेजमेंट की वजह से लिया था संन्यास : युवराज

भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने इसी साल जून में उस समय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था जब इंग्लैंड में आईसीसी वर्ल्ड कप खेला जा रहा था। युवराज के इस तरह अचानक संन्यास लेने के फैसले से फैंस काफी हैरान हुए थे। लेकिन अब उन्होंने अपने संन्यास से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं। युवराज ने एक इंटरव्यू में अपने संन्यास और टीम मैनेजमेंट को लेकर विस्तार से बातचीत की। युवी ने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें 2017 में यो-यो टेस्ट पास करने के बावजूद भारतीय टीम में नहीं चुना गया था। 2011 वर्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज को साल 2017 में वेस्टइंडीज दौरे के बाद टीम से बाहर कर दिया गया था। युवराज ने कहा, चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद मैंने 8-9 मैचों में दो बार मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता फिर भी मुझे ड्रॉप कर दिया गया। ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था। उसके बाद मैं चोटिल हो गया और मुझे श्रीलंका दौरे की तैयारी करने को कहा गया। इसके तुरंत बाद यो-यो टेस्ट आ गया। ये मेरे चयन में सबसे बड़ा यू-टर्न था। इसके बाद अचानक मुझे वापस जाना पड़ा और 36 साल की उम्र में यो-यो टेस्ट के लिए तैयारी करनी पड़ी। युवी ने बताया, इसके बाद जब मैंने यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया तब मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने को कहा गया। उन्होंने वास्तव में सोचा था कि मैं अपनी उम्र के कारण टेस्ट को क्लियर नहीं कर पाऊंगा। और इसके बाद मुझे अस्वीकार करना आसान होगा … हाँ, आप कह सकते हैं कि यह बहाना बनाने की एक कवायद थी। युवराज सिंह ने भारत के लिए 304 वनडे में 8,701 रन और 58 टी-20 में 1,177 रन बनाए हैं। युवराज ने साल 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना आखिरी वनडे मैच खेला था। युवराज के नाम 40 टेस्ट में 1900 रन भी दर्ज हैं। संन्यास लेने के बाद युवराज कनाडा में T20 लीग खेलते नजर आए थे।

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