शहर के कृष्णनगर क्षेत्र में किशोरी की गला दबाकर हत्या करने के सनसनी केस में शामिल ट्राफिक शाखा के आरोपी एएसआई लाखनसिंह गंगाराम राजपूत की जमानत अर्जी पोकसो कोर्ट के स्पेश्यल जज पूनम बी. सिंघे ने अंतिम रवैये के साथ खारिज कर दिया था । आरोपी एएसआई की जमानत अर्जी खारित करते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में बताया गया है कि, अर्जीकर्ता आरोपी ३३ वर्ष से पुलिस विभाग में डयुटी करता है और वह कानून का जानकार होने के बावजूद भी शिकार बननेवाली नाबालिग को देहव्यापार कराने में सहआरोपियों को मदद की है । इतना ही नहीं, ग्राहक के तौर पर घटनास्थल पर गये होने की सच्चाई साबित होती है । आरोपी की प्रथमदर्शनीय शामिल और केस साबित होने की वजह से उसे जमानत नहीं दिया जा सकता है ।यह केस की जानकारी यह है कि, गत १३.०५.२०१७ को शहर के नरोडा क्षेत्र के एवन्यु अपार्टमेन्ट के ३८ नंबर के फ्लेट से तीन दिन से थैली में बंद किशोरी का शव मिला था । तीन दिन से शव बंद थैली में रहने के कारण असहनीय बदबू आने पर स्थानीय लोगों की तरफ से नरोडा पुलिस को जानकारी देने पर समग्र अपराध का पर्दाफाश हुआ था । पुलिस ने इस अपराध में आरोपी रणजीतसिंह उर्फ गफुल जगतसिंह झाला (उम्र. २९, ई-८, गोल्डन अपार्टमेन्ट, सहजानंद स्कूल के सामने, कृष्णनगर-मूल वतन गाम डाभा, तहसील- बायड, जिला -अरवल्ली) और इसका मित्र रितेश पंचाल (उम्र.२७) (निवासी-जी-२२, भूमिपार्क सोसायटी, नोबल स्कूल के पास, कृष्णनगर-मूल वतन गाम जामडा, तहसील -हिम्मतनगर, जिला-साबरकांठा) को गिरफ्तार किया गया था । यह हत्या प्रकरण में ट्राफिक विभाग के एएसआई लाखनसिंह राजपूत की भी शामिल होने का सामने आने पर उसे भी गिरफ्तार किया गया था । इस केस में ट्राफिक विभाग के आरोपी एएसआई लाखनसिंह राजपूत ने की गई जमानत अर्जी का सरकारी वकील विजय सी. चावडा ने विरोध करते हुए कहा है कि, आरोपी खुद ३३ वर्ष से ट्राफिक विभाग में डयुटी करते हैं।
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