गुजरात विधानसभा की सात सीटों के उपचुनाव आगामी करीब एक सप्ताह में घोषित किए जाने की संभावना है । इस उपचुनाव में राजनीतिक जीत प्राप्त करने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने विशेष रणनीति तैयार करके उम्मीदवारों की प्रक्रिया शुरू कर दी है । कांग्रेस में प्रभारी राजीव सातव प्रदेश के नेताओं के साथ बैठकों का दौर कर रहे हैं । अब भाजपा ने भी प्रदेश के सीनियरों के साथ दो मंत्रियों को भी उपचुनाव के लिए जिम्मेदारी सौंपी है । जिसमें उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल और गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा शामिल है । उपचुनाव को लेकर गत दिन प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी ने सातों सीट पर संगठन और सरकार में से मिलाकर प्रत्येक सीट के लिए दो-दो इंचार्ज नियुक्त करने की घोषणा की । यह इंचार्ज संबंधित मत क्षेत्र में प्रदेश से लेकर स्थानीय स्तर का एक नेटवर्क बनाया जाएगा । इसके साथ ही अब कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आये अल्पेश ठाकोर को राधनपुर और धवलसिंह झाला को बायड सीट के लिए भाजपा टिकट देगी कि नहीं इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है ।
हालांकि, यह दोनों सीटों पर उम्मीदवार ऐलान करने से पहले हाईकमान का विचार लिया जाएगा । लोकसभा चुनाव में भाजपा के २६ सांसदों में से तीन विधायक सांसद बनने पर अमराईवाडी, खेरालु, थराद और लुणावाडा की सीटें खाली हुई थी । मोरवा हडफ पर २०१७ में चुने गये भूपेन्द्र खांट के अनुसूचित जनजाति सर्टिफिकेट अयोग्य ठहराने पर चुनाव आयोग ने उनकी उम्मीदवारी रद्द की थी । जिसकी वजह से यह सीट खाली हुई थी । जबकि लुणावाडा के निर्दलीय रतनसिंह राठोड को भाजपा ने लोकसभा २०१९ में पंचमहाल सीट की टिकट दी थी । उनकी जीत हुई थी । इसी वजह से उनको लुणावाडा सीट से इस्तीफा दिया था । दूसरी तरफ अमराईवाडी के विधायक हसमुख पटेल, पाटण के लिए खेरालु के विधायक भरतसिंह डाभी, बनासकांठा के थराद के विधायक परबत पटेल सांसद बनने पर चार सीटें खाली हो गई थी ।
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