फिलहाल में ही निलकंठ वर्णन के विवाद को लेकर रामकथाकार मोरारी बापू द्वारा की गई टिप्पणी का बीएपीएस और वडताल सहित के स्वामीनारायण संप्रदायों ने उग्र विरोध किया गया । मोरारी बापू भगवान स्वामीनारायण संप्रदाय से माफी मांगे यह मामले में स्वामीनारायण संप्रदाय द्दढ़ रहने पर आमने-सामने बयानबाजी हुई थी । हालांकि, यह मामला बढ़ने पर आखिर में पांच दिन के बाद बीएपीएस और वडताल सहित के स्वामीनारायण संप्रदायों ने आधिकारिक बयान जारी करके यह विवाद को खत्म करने के लिए संतों-हरिभक्तों-धर्म प्रेमियों से अपील की गई है । बीएपीएस के आधिकारिक बयान में उल्लेख किया गया है कि, फिलहाल में धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है जो कुछ हुआ है । हम सभी प्रति प्रेम और सम्मान रखते हैं । इसी वजह से संप्रदाय के सभी संतों-भक्तों तथा सभी धर्म प्रेमी भक्तों-संतो-महंतों-आचार्यों को मेरी प्रार्थना और अपील है कि, हम सभी परस्पर दुश्मनी भुलकर विवाद और विवादों पर एक हो जाए, सनातन हिन्दू धर्म की एकता के लिए, धर्म के सेवाकार्यों तथा उत्कर्ष में साथ में मिलकर प्रवृृत्त हो जाए । अब परस्पर बयान करने के बजाय परस्पर सम्मान रखकर हम सनातन हिन्दू धर्म की सेवा में शामिल हो । सभी धर्म प्रेमी भक्तों और समस्त जनसमुदाय को हम शांति की अपील करते हैं । स्वामीनारायण मंदिर, वडताल संस्था ने एक आधिकारिक बयान जारी करके यह विवाद को खत्म करने के लिए अपील की गई है । यह बयान में बताया गया है कि, मोरारी बापू के निवेदन संदर्भ में चल रहे विवाद का अंत लाना चाहिए । यह विवाद को सभी हिन्दू सनातन धर्म के संदर्भ में विचार करके और विवाद नहीं हो यह सभी के हित में है । जिसकी वजह से यह विवाद का अंत हो और यह मामले की आलोचना से दूर रहना चाहिए ऐसी सभी हरिभक्तों-धर्म प्रेमियों से अपील की गई है ।