गुजरात सरकार ने राजद्रोह के मामले में पाटीदार नेता अल्पेश कथिरिया को मिली जमानत रद्द करने का अनुरोध करते हुए बुधवार को यहां एक सत्र अदालत में याचिका दायर की । सरकार की दलील है कि उन्होंने जमानत की कुछ शतोर्ं का उल्लंघन किया है । यह मामला २०१५ में आरक्षण को लेकर हुए आंदोलन से संबंधित है । गुजरात उच्च न्यायालय ने पिछले साल नवंबर में कथिरिया को जमानत दी थी ।
अहमदाबाद अपराध शाखा ने कथिरिया के खिलाफ राजद्रोह का मामला दायर किया था । लोक अभियोजक सुधीर ब्रह्मभट्ट ने कहा कि राज्य ने अपनी याचिका में पिछले साल २७ दिसंबर को सूरत में यातायात पुलिस के साथ कथिरिया की कहासुनी को उनकी जमानत रद्द करने का एक आधार बनाया है ।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी जे गनात्रा १३ सितंबर को इस याचिका पर सुनवाई कर सकते हैं । पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के नेता एवं हार्दिक पटेल के सहयोगी कथिरिया तथा अन्य के खिलाफ अहमदाबाद और सूरत में राजद्रोह के दो मामले दर्ज किए गए थे । इन सभी को बाद में गिरफ्तार किया गया था और फिर जमानत मिल गई थी । अहमदाबाद में दर्ज मामले में कथिरिया को पिछले साल नवंबर में उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी जिसे अब सरकार रद्द करने का अनुरोध कर रही है । सूरत पुलिस ने भी इससे पहले इसी तरह की याचिका दायर कर वहां की अदालत द्वारा पिछले साल तीन दिसंबर को उन्हें दी गई जमानत को रद्द करने का अनुरोध किया था । सूरत पुलिस की भी यही दलील थी कि उन्होंने यातायात पुलिस के साथ झगड़ा किया था और इसलिए उन्होंने जमानत की शर्त का उल्लंघन किया । निचली अदालत द्वारा जमानत रद्द किए जाने के बाद उच्च न्यायालय ने इस साल ३१ जुलाई को उन्हें कुछ खास शतोर्ं के साथ राहत दी । उनमें अगले छह महीनों तक सूरत जिले में प्रवेश नहीं करना भी इसमें शामिल था ।