ब्रिटेन में निर्वासन में रह रहे पाकिस्तान के मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने आर्टिकल ३७० पर फैसले को भारत का आंतरिक मामला बताया है । ६५ वर्षीय अल्ताफ पाकिस्तान में भारत विभाजन के कटु आलोचक और मुहाजिरों के वकालत करने के रूप में भी जाने जाते हैं । हाल ही में उनका एक विडियो वायरल हुआ था जिसमें वह ‘सारे जहां से अच्छा’ गाते हुए नजर आ रहे हैं । लंदन स्थित एमक्यूएम सचिवालय द्वारा प्रसारित लाइव भाषण में अल्ताफ ने कहा, यह भारत सरकार का फैसला है जिसे भारतीयों का काफी समर्थन मिला है । अगर पाकिस्तान में साहस है तो वह भी पीओके को अपने में मिला सकता है । उन्होंने आगे कहा, आर्टिकल ३७० हटाना भारत का पूरी तरह से आंतरिक मामला है । अल्ताफ ने कहा कि पाकिस्तान की सिविल और मिलिटरी संस्था जनता को ७२ सालों से कश्मीर के मसले पर गुमराह कर रही है । उन्होंने कहा, पाकिस्तान की मिलिटरी जुंटा और नेता को इस ड्रामा को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए या फिर वे मिलिटरी को जम्मू-कश्मीर ले जाएं और उसे मुक्त करा लें । अल्ताफ ने कहा, पाकिस्तान ने कश्मीरियों का गलत इस्तेमाल किया है और उन्हें किनारे कर दिया है जिसके बाद उनके पास पाकिस्तानी झंडे को लहराने और जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बनाने के नारे लगाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है । उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर मुहाजिरों, बलोच और पश्तूनों की हत्या का आरोप लगाया । हुसैन ने २२ अगस्त, २०१६ को आक्रामक भाषण दिया था जिसके बाद पाकिस्तान में मौजूद उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कराची में एक मीडिया के दफ्तर पर हमला बोल दिया था और पाक विरोधी नारेबाजी की थी । अल्ताफ ने न सिर्फ पाक विरोधी नारेबाजी की थी बल्कि कहा था कि यह देश पूरी दुनिया के लिए कैंसर है । उनकी पार्टी एमक्यूएम का कराची की राजनीति में तीन दशकों से दबदबा है । इसे उर्दू बोलने वाले कराची के कामकाजी मोहाजिरों का समर्थन प्राप्त है जो विभाजन के बाद १९४७ में पाकिस्तान आ गए थे । अल्ताफ १९९२ से ब्रिटेन में रह रहे हैं और अब उन्हें वहां की नागरिकता मिल चुकी है, लेकिन लंदन में रहते हुए भी एमक्यूएम पर उनकी मजबूत पकड़ है ।
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